Saturday, June 14, 2025

उपाध्याय वर्षभा नंद मुनिराज ससंघ का जनकपुरी जैन मंदिर में हुआ मंगल प्रवेश

संस्कारो का शंखनाद करना होगा तभी भावी पीढ़ी संस्कारित होगी: उपाध्याय वर्षभा नंद जी

पारिवारिक पूजन के साथ मनाया तीर्थंकर शांतिनाथ का निर्वाणोत्सव

जयपुर । जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मंदिर में सोमवार को प्रात: आचार्य वसुनंदी महामुनिराज के वरिष्ठ शिष्य उपाध्याय वृषभा नन्द जी मुनिराज ससंघ ( दस पिच्छी ) का गाजे बाजे के साथ मंगल प्रवेश हुआ ।उपाध्याय श्री ने अपने आशीर्वचन में समाज की ज्वलन्त समस्याओ पर बोलते हुए कहा कि समाज स्वयं संस्कारों से जुड़ कर अपनी संतानों को सुसंस्कृत नहीं कर पाया तो फिर संस्कारों का शंखनाद कैसे होगा? उपाध्याय श्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में जैन समुदाय संख्यात्मक दृष्टिकोण से सिमटता जा रहा है जिसके लिए चिंतन मंथन और मनन की आवश्यकता है जैन बेटे बेटियों के अंतरजातीय विवाहों को रोकने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है। हम सबको मिलकर जैनत्व की एकता का प्रयास करना चाहिए ।

नाम के साथ पहले जैन लिखे फिर गोत्र

प्रबंध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया की धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बडजात्या कामा ने कहा कि जातिगत जनगणना में धर्म के कालम में जैन लिखवाना,नाम के साथ जैन उपनाम का प्रयोग,सन्तानो के प्रथम नामांकन के समय उनके नाम के साथ जैन लगाया जाये ।

निर्वाणोत्सव पर चढ़ाया निर्वाण लाडू

उपाध्याय श्री के पावन सानिध्य में विदुषी दृष्टि , रिया, व देवांश ने प्रात बच्चों द्वारा अभिषेक के बाद साज बाज व भक्ति के साथ पारिवारिक पूजन करायी तथा भगवान शांति नाथ की पूजन में उपाध्याय श्री द्वारा निर्वाण काण्ड का वाचन कर मोक्ष कल्याण का अर्घ्य बोला गया तथा समाज द्वारा जयकरों के मध्य निर्वाण लाडू चढ़ाया । इससे पूर्व चन्द्र प्रभा शाह परिवार द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया । प्रभावना पुण्यार्जक राजकुमार बाकलीवाल परिवार तथा निर्वाण लाडू सहयोगी केसर देवी बाकलीवाल परिवार रहे । उपाध्याय संघ का प्रात प्रवचन , मध्यान्ह स्वाध्याय व शाम को गुरु भक्ति आदि का कार्यक्रम रहेगा ।

Previous article27 May 2025
Next article30 May 2025
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article