सम्मेदशिखर जी। इस सदी के सबसे कम उम्र के तपस्वी ,मौन साधक सम्मेद शिखर में पारसनाथ टोंक पर साधना करने वाले एवं परम पूज्य तपस्वी सम्राट आचार्य श्री 108 सन्मति सागर जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त एवं इस सदी के महान संत संत शिरोमणि गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज से सिंह निष्क्रिय व्रत धारण करने वाले परम पूज्य प्रातः स्मरणीय अंतर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज का मंगल साधना के साथ आज 216 घंटे के बाद निर्विघ्न निरन्तराय पारणा सम्पन्न हुआ। ज्ञात हो कि आचार्य अन्तर्मना गुरुदेव लगभग 8 महीना स्वर्णभद्र कूट पर मोन साधना में रत थे गुरूवर आचार्य भगवन एकांत ओर मोन साधना से अपनी तपस्या को प्रगाट करते हुवे सम्मेदशिखर जी के पहाड़ पर साधना किये। इस पर मुनि श्री 108 सौम्य मूर्ति मुनि श्री 108 पीयूष सागर जी मे बताया कि अन्तर्मना गुरूवर 28 अक्टूबर को पहाड़ से अपनी साधना कर नीचे उतर गए है ओर बीसपंथी कोठी में विराजमान है । जहाँ आज की पारणा हुई जिसमें हजारों लोग शमिल होकर अनुमोदना कर अपने जीवन को धन्य करते हुवे सौम्य मूर्ति ने बताया की प्रतिदिन गुरूवर की पूजा, आरती बीसपंथी कोठी में होगा और 27 जनवरी 2023 को महापारणा होगा । इस आहार में विशेष रूप से अन्तर्मना भक्त मनोज जैन चौधरी हैदराबाद, विवेक जैन गंगवाल,कोलकोत्ता, बिट्टू जैन भोपाल,आकाश जैन ,विक्की जैन धुलियान,वंदना गंगवाल धनबाद के साथ हज़ारों भक्त इस आहार में शामिल हुवे।