18 April 2025
आचार्य आदिसागर अंकलीकर का जीवन हम सभी के लिए है प्रेरणास्रोत : आचार्य श्री सुनील सागर जी
आर्यिका विज्ञाश्री माताजी संध का निवाई से गांव गुन्सी की ओर मंगल विहार
जन्माभिषेक शोभायात्रा में उमड़े श्रद्धालु
दीक्षा लेना विशिष्ट भावना का द्योतक – मुनि श्री उदित कुमार जी
जैनेश्वरी दीक्षा धारण करना ही अंतिम लक्ष्य-अनीता दीदी
सबसे बड़ी व्यथा है ,सीमित शब्द और असीमित भावनाएं : अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी
तन औऱ मन का मिलन ही योग है – योगाचार्या गीता दीदी
विश्व की सबसे बड़ी स्फटिक मणी की प्रतिमा का पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 30 नवम्बर से 5 दिसंबर तक
गलतियों के शोधन का नाम है उन्नति और पुनः वृत्ति नहीं करने का नाम है क्षमा :अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सांगर जी