Monday, November 11, 2024

प्रभु महावीर का, स्वामी महावीर का मांगलिक नाम था, आज भी है और कल भी रहेगा- समकित मुनि

विनयशील होने पर ही बन पाएंगे सबके चेहते एवं कृपापात्र

भव्य आगम बत्तीसी रैली के साथ उत्तराध्ययन सूत्र की 27 दिवसीय आराधना का शुभारंभ

भीलवाड़ा। परमात्मा भगवान महावीर की अंतिम देशना उत्तराध्ययन सूत्र के 36 अमृत कलश में से एक भी मिल जाए तो जीवन के वारे-न्यारे हो जाए। परमात्मा महावीर के उत्तराध्ययन आगम के इन 36 अध्याय रूपी अमृत कलशों के बारे में केवल जान ले तो भी जीवन सफल हो सकता है। ये अमृत कलश हमारे लिए वरदान बन सकते है। इस आगम की हर गाथा प्रेरणादायी और जीवन की सार्थकता बताने वाली है। ये विचार श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने शांतिभवन में गुरूवार को परमात्मा भगवान महावीर की अंतिम देशना उत्तराध्ययन आगम की 27 दिवसीय आराधना ‘‘आपकी बात आपके साथ’’ के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। आगम आराधना के तहत भगवान महावीर की अंतिम देशना उत्तराध्ययन सूत्र आगम के 36 अध्यायों का वाचन किया जाएगा। पहले दिन प्रथम अध्याय विनय सूत्र का वाचन करते हुए जीवन में विनय का महत्व समझाया गया। इससे पूर्व उत्तराध्ययन आगम आराधना का आगाज भव्य आगम बत्तीसी रैली के साथ हुआ। रैली के माध्यम से जैन धर्म के बत्तीस आगम का प्रदर्शन करते हुए इनसे प्रेरणा लेने का संदेश दिया गया। धर्मसभा में मुनिश्री ने प्रभु महावीर का, स्वामी महावीर का मांगलिक नाम था, कल भी है ओर आज भी रहेगा प्रार्थना के साथ उत्तराध्यन आगम आराधना शुरू करते हुए कहा कि तीर्थंकर परमात्मा की वाणी सुनने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। इससे पता चलेगा कि उत्तराध्ययन सूत्र हमारे बारे में क्या बोलता है, परमात्मा अंतिम देशना में क्या संदेश देकर गए। परमात्मा की देशना चतुर्विद संघ के लिए है इसलिए सबको इसका श्रवण करना चाहिए। पूज्य समकितमुनिजी ने कहा कि जीवन में सबका कृपापात्र एवं चेहता बनना है तो विनयशील बनना पड़ेगा। मन विनयमय होने पर आगम रूपी अमृतकलश हमे प्राप्त होंगे। सभा के शुरू में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने प्रेरक गीत पेश किया। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी का भी सानिध्य मिला। उदयपुर हिरणमगरी श्रीसंघ के प्रतिनिधियों ने पूज्य समकितमुनिजी से होली चातुर्मास की विनती प्रस्तुत की। आगम बत्तीसी रैली के लाभार्थी दलीचंद, घीसुलाल, महावीर कच्छारा एवं परिवार के अन्य सदस्यों का शांतिभवन श्रीसंघ, महिला मंडल एवं युवक मंडल की ओर से स्वागत-अभिनंदन किया गया। उदयपुर, चित्तौड़गढ़, बेंगलूरू आदि स्थानों से आए अतिथियों का स्वागत शांतिभवन श्रीसंघ के अध्यक्ष राजेन्द्र चीपड़ एवं चातुर्मास वित्त संयोजक मनोहरलाल सूरिया ने किया। धर्मसभा का संचालन शांतिभवन श्रीसंघ के मंत्री राजेन्द्र सुराना ने किया। धर्मसभा में लक्की ड्रॉ के माध्यम से तीन-तीन भाग्यशाली श्रावक-श्राविकाओं को प्रभावना में चांदी के सिक्के प्रदान किए गए। धर्मसभा में सबसे पहले पुच्छीसूनम सूत्र याद करने वाले बालक लक्ष्य खमेसरा का शांतिभवन श्रीसंघ के साथ शांति जैन महिला मंडल की अध्यक्ष स्नेहलता चौधरी एवं मंत्री सरिता पोखरना द्वारा सम्मान किया गया। धर्मसभा के बाद शांतिभवन में ही गौतम प्रसादी का भी आयोजन किया गया। इसका लाभार्थी कच्छारा परिवार रहा।

आगम रैली में उमड़े श्रद्धालु,गूंजे भगवान महावीर के जयकारे

उत्तराध्यन सूत्र वाचन का आगाज भव्य भीलवाड़ा में पहली बार निकाली गई भव्य आगम बत्तीसी रैली के साथ हुआ। रैली सुबह 8.15 बजे लक्ष्मीनारायण मंदिर रोड पर कच्छारा निवास से शुरू हुई एवं मुख्य मार्गो से होते हुए शांतिभवन पहुंची। आगम रैली में सहभागी बनने के लिए श्रावक-श्राविकाएं उमड़े। रैली में 32 आगम के शास्त्र अलग-अलग दंपति अपने सिर पर धारण करके चल रहे थे। दंपति में एक ने सिर पर आगम शास्त्र रखा हुआ तो दूसरे ने उस शास्त्र के नाम की तख्ती हाथ में ले रखी थी। रैली में शुरू से अंत तक भगवान महावीर स्वामी के जयकारे गूंजते रहे एवं उनकी आराधना में भजनों का गान होता रहा। रैली में श्राविकाएं चुंदड़ धारण करके एवं श्रावक श्वेत वस्त्रों में थे। आगम बत्तीसी रैली के लाभार्थी कच्छारा परिवार के साथ शांतिभवन श्रीसंघ, श्री महावीर युवक मंडल सेवा संस्थान एवं श्री शांति जैन महिला मंडल के पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित सैकड़ो भक्तगण उत्साह से शामिल हुए। रैली के शांतिभवन पहुंचने पर सभी 32 आगम मंगल कलश के साथ वहां प्रदर्शित किए गए।

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