Sunday, September 22, 2024

आत्मा तप से श्रेष्ठ बनती है, धन से नहीं: महासती धर्मप्रभा

सुनिल चपलोत/चैन्नाई। आत्मा तप से श्रेष्ठ बनती है,धन से नहीं। गुरूवार साहूकार पेठ श्री एस.एस. जैन भवन मे महासती धर्मप्रभा ने गुरूद्वय जन्म जयंती कार्यक्रम के तहत पांचवे दिवस एकासन व्रत करने वालें भाई बहनों और श्रध्दांलूओ को तप का महत्व बताते हुए धर्मसभा मे कहा कि तपस्या छोटी बड़ी नहीं होती है, तप -तप ही होता है। अपनी आत्मा को श्रेष्ठ बनाना है,तो तप से ही श्रेष्ठ बन सकती है,धन से नहीं बनने वाली है। समभावो के साथ तप और जीवों की जो प्रांणी रक्षा और सुरक्षा करता है वो जीवन मे सुख तो प्राप्त करता ही है,साथ ही लब्दिया और सिध्दीया को प्राप्त करके अपनी इस आत्मा को पावन बना सकता है।हटी घमंडी धन वान मित्यार्थी और पद लुप्ता का अंहकार करने वाला इंसान तपस्वीयो को सताता है और उपहास उड़ाता है। ऐसा मनुष्य जीवन मे कितना भी धन प्राप्त कर लेवें वह सुख नही भोग सकता है,और नाहि मरने बाद अपनी इस आत्मा को मुक्ति दिला सकता है। आत्मा का उध्दार तभी हो सकता है जब मनुष्य अपने घमंड और अंहकार का त्याग और प्रश्चाताप करके समभाव के साथ जीवो की रक्षा करता है तो अपनी इस आत्मा को मुक्ति दिलवा पाएगा। धन दौलत इंसान कितना भी कमाले लेकिन अपने साथ एक रूपया भी नहीं ले जा सकता है।साथ जाऐगा तो र्सिफ धर्म और पुण्य ही जाने वाला है। धन दौलत साथ मे जाने वाली नहीं है।साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि शरीर कुंदन तभी बन सकता है जब मनुष्य संभाव के साथ तपस्या करता है तो अपनी इस काया को कुंदन और पवित्र बना सकता है।श्री संघ के कार्याध्यक्ष महावीरचन्द सिसोदिया ने बताया कि इस दौरान धर्मसभा मे गुरू भगवंतो के जन्मोत्सव कार्यक्रम के पांचवें दिवस अनेक भाई और बहनों ने एकासन व्रत एवं तपस्वी बहन निशा संकलेचा ने ग्यारह उपवास के साध्वी धर्मप्रभा से प्रत्याख्यान लिए। जिनका एस.एस.जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम. अजितराज कोठारी,हस्तीमल खटोड़ महामंत्री सज्जनराज सुराणा,सुरेश डूगरवाल,जितेन्द्र भंडारी सुभाष काकलिया, बादलचन्द कोठारी महावीर कोठारी माणकचन्द खाबिया आदि सभी पदाधिकारियों और श्री एस.एस.जैन संस्कार महिला शाखा की बहनो ने एकासन व्रत करने वालो के तप की सामूहिक रूप से अनूमोदना की गई। तथा तपस्वी बहन एवं एकासन व्रत कार्यक्रम के लाभार्थी महावीरचन्द, राजेन्द्र कुमार, अनिल दरडा आदि सभी का श्री संघ के पदाधिकारियों ने शोल माला एवं मोमेंट देकर बहूमान किया गया। इस दौरान चैन्नाई के अनेक उपनगरों और श्रध्दांलूओ के साथ शहर के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट सिद्धार्थ मेहता की उपस्थिति रही।

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