दिखावे मे किया गया दान जीवन मे निरर्थक जाता है: साध्वी प्रितीसुधा
भीलवाड़ा। दिखावा करके दिया गया दान निष्फल हो जाता है। बुधवार अहिंसा भवन में महासती प्रितीसुधा ने पांच दिवसीय श्रमण सूर्य मरूधर केसरी मिश्रीमल जी म.सा.एवं लोकमान्य संत रूप मुनि महाराज के जन्मजयंती कार्यक्रम के प्रथम दिवस एकासन व्रत करने वाले सैकड़ों भाई-बहनों और श्रध्दांलूओ को सम्बोधित करतें हुए कहा कि दान देकर मान और सम्मान की इच्छा नहीं रखनी चाहिए। दिखावा करके दान दिया निष्फल हो जाता है। दान छिपाकर दें, छपाकर नहीं देवें। दान देते समय एक हाथ से दूसरे हाथ को भी पता नहीं लगना चाहिए। वही दान सुपात्र दान कहलाता है। लेकिन आज मनुष्य दिखावे मे दान देता है और प्रदशर्न करता है वो दान नहीं कहलाता है। वह व्यक्ति का प्रदशर्न है। संसार मे जितने भी दानवीर शूरवीर और त्यागी महापुरुष हुए, उन्होंने कभी किसी चीज का प्रदर्शन नहीं किया।दान देने से घटता नही है बल्कि बढ़ता है। वही सच्चा दान कहलाता है। साध्वी संयमसुधा ने कहा कि महापुरुषों जितने गुणगान गाये वह कम इनकी महिमा का बखान शब्दों नहीं किया जा सकता है वर्तमान समय के भगवान थे मरूधर केसरी और लोकमान्य संत रूपमुनि जी महाराज। इसदौरान दो सौ से अधिक भाई बहनों ने जन्मोत्सव कार्यक्रम के तहत एकासन व्रत के साध्वी उमराव कंवर से प्रत्याख्यान लिए।एकासन करने वाले तपस्वीयो का अहिंसा भवन शास्त्री नगर के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल, अशोक पोखरना, हेमन्त आंचलिया, सुशील चपलोत, रिखबचन्द पीपाड़ा, शांतिलाल कांकरिया संदिप छाजेड़,हिम्मतसिंह बाफना, जसवंत डागलिया अमरसिंह संचेती एवं महिला मंडल की नीता बाबेल, मंजू पोखरना, संजूलता बाबेल, मंजू बापना, सुनिता झामड़, अंजना छाजेड़, आशा संचेती अंजना सिसोदिया, सुशीला छाजेड़ आदि सभी ने बहूमान करते हुए उपहार दिये। दित्तीय दिवस
गुरूवार को भीक्षु दया के रूप मे मनाया जाएगा।
प्रवक्ता निलिष्का जैन, भीलवाड़ा