Sunday, September 22, 2024

गुरू और परमात्मा से जुड़ने वाला श्रद्धा व विश्वास का रिश्ता अटूट: शास्त्री

गुरू को ही परमात्मा का स्वरूप मान उसके बताए मार्ग पर चले

सुनील पाटनी/भीलवाड़ा। संसार के सब रिश्तों में सबसे महत्वपूर्ण दो रिश्ते है एक परमात्मा ओर एक गुरू से। ये ही वह रिश्ते है जो जीवात्मा का कल्याण कर सकते है। कोई भी साधक गुरू के आशीर्वाद व ज्ञान के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं कर सकता। मानव के मन में भरे अज्ञान के घोर अंधेरे को सद्गुरू ज्ञान की रोशनी से दूर करता है। ये विचार अन्तरराष्ट्रीय श्री रामस्नेही सम्प्रदाय शाहपुरा के अधीन शहर के माणिक्यनगर स्थित रामद्वारा धाम में वरिष्ठ संत डॉ. पंडित रामस्वरूपजी शास्त्री (सोजत सिटी वाले) ने शुक्रवार को चातुर्मासिक सत्संग प्रवचनमाला के तहत व्यक्त किए। उन्होंने गर्ग संहिता के माध्यम से चर्चा करते हुए कहा कि सद्गुरू ज्ञान रूपी नेत्रों में विवेक का अंजन डालकर आत्म दर्शन का मार्ग बता देते है। दुनिया में लौकिक रिश्ते एक न एक दिन टूटने ही है लेकिन गुरू और परमात्मा से श्रद्धा व विश्वास का रिश्ता होता है। यह एकाएक जुड़ता नहीं ओर जुड़ जाए तो टूटता नहीं है। गुरू ओर परमात्मा का रिश्ता शारीरिक नहीं होकर आत्मीय होता है। शास्त्रीजी ने कहा कि जीवात्मा के लिए गुरू परमात्मा का प्रतिनिधि होता है जो उसे परमात्मा तक पहुंचने का सद्मार्ग दिखाता है ओर अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। गुरू को मानव बुद्धि से नहीं ईश्वर बुद्धि से स्वीकार करना होगा। जीव को जगाने के लिए परमात्मा नहीं बल्कि उनके प्रतिनिधि बन गुरू ही आता है। भगवान का तो कभी सपना भी नहीं आता। उन्होंने कहा कि गुरू को ही परमात्मा का स्वरूप मान उसके बताए मार्ग पर चलने पर जीवात्मा मोक्ष को प्राप्त कर सकती है। गुरू की आज्ञा को परमात्मा की आज्ञा मान उसकी पालना करनी चाहिए। गुरू का आशीर्वाद परमात्मा का आशीर्वाद बन जाता है। सत्संग के दौरान मंच पर रामस्नेही संत श्री बोलतारामजी एवं संत चेतरामजी का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन भक्ति से ओतप्रोत विभिन्न आयोजन हो रहे है। भीलवाड़ा शहर के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु सत्संग-प्रवचन श्रवण के लिए पहुंच रहे है। प्रतिदिन सुबह 9 से 10.15 बजे तक संतो के प्रवचन व राम नाम उच्चारण हो रहा है। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन प्रातः 5 से 6.15 बजे तक राम ध्वनि, सुबह 8 से 9 बजे तक वाणीजी पाठ, शाम को सूर्यास्त के समय संध्या आरती का आयोजन हो रहा है।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article