Sunday, September 22, 2024

मां और मातृभूमि की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है: साध्वी प्रितीसुधा

भीलवाड़ा। अनेकता मे एकता यही है हमारे भारत कि विशेषता बुधवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर में डॉ.प्रितीसुधा ने स्वाधीनता दिवस पर आयोजित धर्मसभा मे श्रध्दांलूओ को आजादी कि वर्ष गांठ पर बधाई देते हूए कहा कि संसार मे माँ और मातृभूमि से बढ़कर कोई दुसरी सेवा नही हो सकती है। राष्ट्रधर्म का निर्वाह करना हमारा परम कर्तव्य भी है और धर्म भी । आज का दिवस उन महान वीरों को याद करने दिन जिन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर हमें एक स्वतंत्र देश का उपहार दिया।
स्वतंत्रता दिवस पर, सभी को सकल्प लेना चाहिए कि देश की प्रगति, समृद्धि, और एकता में योगदान करेंगे और आपसी सद्भावना और समरसता की दिशा में भारत माता कि आन बान शान को अक्षुण बनायें रखेगे तभी हमारा देश तरकी करके आत्म निर्भर बनें। इस दौरान अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल, अशोक पोखरना,हेमन्त आंचलिया, ओमप्रकाश सिसोदिया,हिम्मत सिंह बाफना और महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल मंजू पोखरना, रजनी सिंघवी आदि और सैकड़ों सदस्यों की उपस्थिति मे स्वतंत्र दिवस पर अहिंसा भवन शास्त्री नगर मे झंडा फहराया और शहीदों को नमन करते हुए सभी को आजादी की बधाई दी। प्रवक्ता निलिष्का जैन ने बताया कि गुरूवार को साध्वी प्रितीसुधा के सानिध्य मे श्रमण संघ दित्तीय आचार्य आनन्द ऋषि जी म.,सा कि जन्म जयंती आयंबिल और गुणगान के साथ अहिंसा भवन मे मनाई जायेगी।

प्रवक्ता निलिष्का जैन, भीलवाड़ा

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