गुंशी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी , जिला – टोंक (राज.) के तत्वावधान में भारत गौरव गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के ससंघ सान्निध्य में शांतिलाल एवं संतोष जैन , जयपुर वालों ने थाट – बाट के साथ श्री 1008 शांतिनाथ महानुष्ठान विधान निर्विघ्न सम्पन्न किया । शांतिप्रभु की वृहद शांतिधारा करने का सौभाग्य महेश मोटूका वालों ने प्राप्त किया । पश्चात स्वतन्त्रता दिवस के उपलक्ष्य में भारतमाता को राष्ट्रगान पूर्वक वंदन किया । गुरु मां ने प्रवचन देते हुए कहा कि – भारत देश के प्रति भावना पैदा करने वाला आज का गौरवशाली मूल्य दिन है । भारत का संविधान, आदर्श , राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रगान का आदर करना प्रत्येक भारतीय का परम कर्तव्य है । माताजी ने कहा कि – महात्मा गांधी ने जिस अहिंसा के बल पर देश को आजादी दिलाई उसकी प्रेरणा उन्हें जैन संस्कारों से ही मिली थी । उन्होंने जैन मुनि से प्रतिज्ञा की थी कि मैं कभी अपने जीवन में मांस – मदिरा का सेवन नहीं करूंगा। आज स्वतंत्रता दिवस पर मैं उस सरकार से कहती हूं कि जिन बूचड़खानों के कारण निर्बल पशुओं की हत्या कर उनकी स्वतंत्रता छीनी जा रही है उसे कायम रखने का संविधान बनाएं ।