जयपुर। परमपूज्य चारित्र चक्रवर्ती निमित्त ज्ञानी वात्सल्य रत्नाकर समाधि सम्राट 108 गुरूवर आचार्य विमल सागर जी महाराज का 107 वां जन्म जयंती समारोह गणिनी आर्यिका 105 नंगमति माताजी के पावन सानिध्य में श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, विमल परिसर, ग्राम नांगल्या, बीलवा जयपुर में विभिन्न धार्मिक क्रियाओं के साथ साधर्मी बंधुओं द्बारा उत्साहपूर्वक मनाई गई।
इस अवसर पर साढ़े सत्ताईस फीट ऊंची श्री 1008 शांतिनाथ भगवान की भव्य प्रतिमा का अभिषेक, शांतिधारा , विमल भक्ति विधान की पूजन संपन्न हुई, इसके बाद महाआरती की गई। इस अवसर पर जयपुर समाज के गणमान्य लोग व बहादुरगढ़ हरियाणा, दिल्ली, पंजाब व अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए और इस जयंती कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया। इसके पश्चात वात्सल्य भोज का आयोजन हुआ। आचार्य श्री की जयंती पर वात्सल्य भोज का आयोजन भक्त शिरोमणि आर.के.जैन व सौभाग्यवती मधु देवी एवं सुपुत्र शरद एवं पुत्रवधु सौभाग्यवती रचना देवी गर्ग बम्बई (महाराष्ट्र) के द्बारा किया गया।