अनिल पाटनी/शाबाश इंडिया। सही दिशा में प्रयास नहीं करने का कारण जीवन में अशांति है, जीवन की वास्तविक उपलब्धि के लिए आप सभी का प्रयास पर्याप्त नहीं है, सुखी रहने का सबसे बड़ा उपाय प्राप्त को पर्याप्त मानकर जिओ यह उद्गार आचार्य विवेक सागर महाराज ने पंचायत छोटा धड़ा नसियां में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहे। आचार्य महाराज ने कहा विपरीत परिस्थितियां, प्रतिक्रिया,भय और अहम यह अशांति के मूल तत्व हैं, हर मनुष्य के साथ विपरीत परिस्थितियां आती हैं, प्रकृति का भी नियम है हमेशा दिन नहीं रहता, दिन के बाद रात भी होती है , मनुष्य के मन की सबसे बड़ी कमजोरी है वह विपरीत परिस्थितियों में घबरा जाता है,हमेशा जीवन में याद रखना चाहे घर-परिवार की बात हो, सामाजिक कार्य की बात हो धैर्य कभी मत खोना, धैर्य सबसे बड़ी ताकत है,अधीर कभी मत होना, धैर्य से ही समस्याओं को सुलझा सकते हो। पदम चन्द सोगानी ने बताया इससे पूर्व 48 दिवसीय भक्तामर स्तोत्र आयोजन के अन्तर्गत मंगल कलश स्थापना एवं मांगलिक क्रियाए प्रेमचंद – मंजू, अंकुर -भावना, नीरज – स्वीटी बड़जात्या परिवार द्वारा सम्पन्न की गई व शाम को संगीतमय भक्तामर पाठ में दिपर्चना तत्पश्चात जिनेन्द्र प्रभु की महाआरती की गई। इन सभी का समिति अध्यक्ष सुशील बाकलीवाल,विनय गदिया, राजेन्द्र पाटनी,नरेन्द्र गोधा, लोकेश ढिलवारी आदि ने अभिनन्दन पत्र देकर स्वागत किया।