Wednesday, November 27, 2024

दिगंबर जैन समाज ने रथ यात्रा निकाल कर की धर्म प्रभावना

अयोध्या तीर्थ प्रभावना रथ यात्रा का भक्तिमय हुआ आयोजन

गंगापुर सिटी। दिगंबर जैन समाज की परम पूजनीया गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के आशीर्वाद से आज गंगापुर सिटी में भगवान ऋषभदेव की जन्मभूमि अयोध्या तीर्थ प्रभावना भावना रथयात्रा भक्तिभाव के साथ निकाली गई। रथ यात्रा में जैन बंधु पचरंगी ध्वजा हाथ में लेकर “ऋषभदेव गुण गाएंगे अयोध्या तीर्थ सजाएंगे”, “रत्न शिला लगाएंगे, अयोध्या तीर्थ सजाएंगे”, जैसे नारे लगाते हुए एवं भजनों की ध्वनि पर नृत्य करते हुए रथ के साथ साथ चल रहे थे। अयोध्या से प्रारंभ हुआ धर्म प्रभावना रथ नगर नगर गांव गांव होता हुआ आज गंगापुर सिटी मैं पहुंचा जहां पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में रथ की अगवानी की गई। आज सुबह रथ यात्रा से पूर्व पुरानी अनाज मंडी स्थित सीताराम जी के मंदिर प्रांगण में धर्म सभा का आयोजन किया गया जिसमें रथ के साथ चल रहे प्रतिष्ठाचार्य सुदर्शन जैन एवं अकलंक जैन ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में जैन धर्म के 5 तीर्थंकर ने आज से करोड़ों वर्ष पूर्व अयोध्या में जन्म लेकर इस धरती को पावन किया। प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव द्वितीय तीर्थंकर भगवान अजीतनाथ चतुर्थ तीर्थंकर भगवान अभिनंदन नाथ पंचम तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ एवं चौदवे तीर्थंकर भगवान अनंतनाथ का अयोध्या में जन्म हुआ है मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म नो लाख वर्ष पूर्व माना गया है। इसी धरती पर भगवान ऋषभदेव के पुत्र भरत का जन्म हुआ जिनके नाम से देश का नाम भारत रखा गया भगवान बाहुबली का जन्म भी इसी धरती पर हुआ अर्थात तीर्थंकर चक्रवर्ती एवं कामदेव बलभद्र नारायण आदि महापुरुषों का जन्म स्थान है ऐसे सांसद तीर्थ अयोध्या का विकास पूजनीय प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के आशीर्वाद से हो रहा है लेकिन अब समय आ गया है कि हम अपनी अयोध्या को और अधिक सुंदर बनाएं इसी भावना के मद्देनजर अयोध्या में भगवान ऋषभदेव के जीवन से संबंधित कई विशाल और भव्य मंदिरों का निर्माण किया जा रहा है ।इन मंदिरों के निर्माण में भारत की समस्त जैन समाज का सहयोग हो इसीलिए यह धर्म प्रभावना रख पूरे देश में सभी जगह रथ यात्रा निकाली जा रही है। इस अवसर पर रथ यात्रा से पूर्व रथ यात्रा के पात्रों का चयन किया गया जिसमें सौधर्म इंद्र डॉक्टर मनोज जैन सुलेखा जैन, कुबेर इन्द्र बनने का जिनेंद्र पांड्या चिंटू पांड्या, को धर्म मिला, प्रथम पलना झुलाई का लाभ प्रेमचंद रचना जैन को मिला वही भगवान की आरती करने का धर्म लाभ प्रवीन जैन नीरा जैन गंगवाल को मिला। इस अवसर पर सैकड़ों धर्मावलंबियों ने अयोध्या में बनने वाले मंदिरों में रत्न शिला लगाने के लिए अपने भाव प्रकट किए।
दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष प्रवीण गंगवाल ने बताया कि रथयात्रा की मांगलिक क्रियाओं के बाद सभी पात्रों को रथ में बिठाकर सीताराम जी मंदिर से रथयात्रा प्रारंभ हुई एवं फव्वारा चौक कैलाश टॉकीज ट्रक यूनियन होते हुए ईदगाह चौराहे पर पहुंची जहां जैन बंधुओं द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।अयोध्या से चल रहे इस धर्म प्रभावना रथ की मनमोहन आकृति को देख सब अचंभित थे 21 फीट लंबे स्वर्णमयी रथ में अयोध्या नगरी में जन्म लेने वाले पांचों तीर्थंकरों की प्रतिमाएं विराजमान थी। वही स्वर्णमयी पालने में बालक भगवान भी विराजमान थे जिनका पालना झुलाने के लिए जैन बंघुओ में होड़ लगी हुई थी। रथ यात्रा में दिगंबर जैन समाज के प्रवीन जैन गंगवाल डा मनोज जैन देवेंद्र जैन पांड्या सौरभ गंगवाल मंगल जैन महेश जैन नरेंद्र जैन नृपत्या प्रेम चंद सौगानी विमल जैन गोधा सुभाष जैन सौगानी लोकेश जैन सौरभ गंगवाल राजू गंगवाल वीजेद्र कासलीवाल राजेश काला राजेंद्र गंगवाल प्रवीण कठूमर धर्मेंद्र पांड्या जिनेंद्र पांड्या योगेंद्र जैन पारस सोगानी अरविंद गोधा सौरभ गंगवाल नरेंद्र टेलीफोन डॉ आईपी जैन डा पीसी सेठी डॉ महावीर प्रसाद जैन सुभाष पांड्या रमेश सोनी सुमेर जैन,अशोक पाटनी रवींद्र पांड्या कैलाश जैन नितेश जैन जगदीश जैन श्रेयांश जैन राजेश गंगवाल राजेंद्र गंगवाल महावीर गोघा अशोक पंड्या अरिहंत बोहरा सहित सैकड़ो की संख्या में जैन समाज की महिला एवं पुरुष उपस्थित थे।

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