सुनिल चपलोत/चैन्नाई। मित्र वही जो सही राह दिखाए रविवार को साहूकार पेठ श्री एस.एस.जैन भवन मे अंर्तराष्ट्रीय मित्रता दिवस महासती धर्मप्रभा ने हजारों श्रावक-श्राविकाओं को धर्म संदेश देतें हुए कहा कि जीवन मे सच्चा मित्र सौभाग्य से मिलता है। जो सुख मे पीछे और दुखः आने पर ढ़ाल बन कर समाने खड़ा हो जाता है वही व्यक्ति हमारा मित्र होता है ।सुख में साथ हो और दुख में हमारे से किनारा कर ले, ऐसा इंसान कभी हमारा सच्चा मित्र नहीं हो सकता है, ऐसे लोग अवसरवादी होते हैं। दोस्त वही है जो हमे सही राह दिखाए,गलत मार्ग पर जाने रोके,ऐसे दोस्त हमारे जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।सही को सही और गलत को गलत कहने वाला ही व्यक्ति सच्चा हमारा हमदर्द मित्र होता है। स्वार्थी मित्र दुश्मन से भी जाता खतरनाक होते है। दुश्मन तो हम पर सामने से हमला करता है।लेकिन जब दोस्त हमारे पीछे से हमारे पर जब वार करता है तो मूसीबत खड़ी कर सकता है ऐसे इंसानों से दोस्ती नही रखनी चाहिए वह दोस्त मित्रता के नाम पर कंलक है। मित्र वो होता जो संकट आने पर कर्ण कि भांति मित्र के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देतें है सच्ची मित्र की दोस्ती जीवन के अंतिम पड़ाव तक रहती।साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि मित्र का रिश्ता खून के रिश्तो से बढ़कर होता है। लेकिन जीवन मे संकट ओर दुखःआ जाने पर पर खून के रिश्ते भी पराए हो जाते है परन्तु मित्र पराया होकर भी संकट मे साथ नहीं छोड़ता है। विश्वास का दूसरा नाम ही मित्र जो हमारे पर दुख आने हमे विपत्तियों से बाहर निकालकर वो हमे सदमार्ग पर ले जाता है। धन दौलत से दोस्ती रखने वाले इंसान हमारे मित्र नही हो सकते है। जीवन मे मित्र बनाए तो जानकर पहचान कर बनाए जो सुख-दुखः और मुसीबत मे काम आए। श्री संघ के महामंत्री सज्जनराज सुराणा ने बताया कि धर्मसभा मे अन्नानगर से नेमीचंद कुकुलोल,पुरूषावाक्कम से सागरमल कोठारी, शनेहानगर जे.विजयराज कोठारी और राजेश चौरड़िया आदि अतिथीयो का श्री एस.एस.जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम.अतितराज कोठारी कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने स्वागत किया। इस दौरान प्रवचन सभा में जैन संस्कार मंच के भाईयो द्वारा मित्रता दिवस पर नाटिका का मंचन किया गया और साध्वी धर्मप्रभा से संस्कार मंच के सभी पदाधिकारीयो ने आर्शीवाद लेते हुए जैन समाज एवं सभी जाति के मित्रों की मदद करने का जयकारो के साथ साध्वी धर्मप्रभा से सकल्प लिए। प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि धर्मसभा मे हस्तीमल खटोड़, महावीर चन्द कोठारी, सुरेश डूगरवाल, शम्भूसिंह कावड़िया, अशोक सिसोदिया, भरत नाहर, महावीर ललवानी, संजय खाबिया आदि पदाधिकारियों की उपस्थित रही।