जैन संतों के जयकारों की गूंज से गूंजे जिनालय
जयपुर। अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ मानसरोवर संभाग द्वारा रविवार को प्रातः 6.30 बजे से “मुनि आर्यिका दर्शन यात्रा” भव्य आयोजन किया गया, इस यात्रा में सम्मिलित सभी श्रद्धालुओं ने जयपुर शहर के सभी चातुर्मास स्थलों पर विराजमान संतो और आर्यिका माताजी के दर्शन लाभ प्राप्त किए और जैन मंदिरों के दर्शन कर अष्ट्र द्रव्य चढ़ा मंगल कामनाएं की। इसमें 4 बसों में कुल 150 यात्रियों ने सम्मिलित होकर मुनि आर्यिका दर्शन यात्रा का सौभाग्य प्राप्त किया। यात्रा संयोजक सुदर्शन पाटनी और रवि जैन ने बताया की यात्रा प्रातः 6.30 बजे वरुण पथ दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई, जिसको संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू, प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद बाकलीवाल, संभाग अध्यक्ष कुलदीप छाबड़ा, पूर्व संभाग अध्यक्ष जयंत छाबड़ा, राकेश छाबड़ा, एडवोकेट शेलेंद्र छाबड़ा, अनंत जैन, शशांक जैन, अमित जैन, अशोक जैन और प्रचार मंत्री हर्षित गोधा सहित समाज श्रेष्ठियो ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसके पश्चात यात्रा मीरा मार्ग मानसरोवर ने चल रहे मुनि संघ के दर्शन करते हुए, बरकत नगर में आचार्य नवीन नंदी महाराज, जनकपुरी में विराजमान आर्यिका विशेषमती माताजी, आमेर में विराजमान उपाध्यक्ष उर्जयंत सागर महाराज के दर्शन करते हुए अतिशय क्षेत्र बाड़ा पदमपुरा पहुंचे जहां पर सभी श्रद्धालुओं ने आचार्य चैत्य सागर महाराज के दर्शन लाभ प्राप्त कर भगवान पदम प्रभु स्वामी की सामूहिक मंगल आरती की, इसके बाद यात्रा बिलवा में विराजमान आर्यिका नंगमती माताजी के दर्शन करते हुए श्योपुर रोड़ प्रताप नगर में विराजमान आचार्य विनीत सागर महाराज के दर्शन करते हुए प्रताप नगर सेक्टर 8 में विराजमान आचार्य सौरभ सागर महाराज के दर्शनों के लिए पहुंची, जहां आचार्य श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया और आचार्य श्री के सानिध्य में शंका समाधान, आनंद यात्रा में सम्मिलित होकर श्रीजी की सामूहिक आरती कर आचार्य सौरभ सागर महाराज की महामंगल आरती कर यात्रा संपन्न की।
युवाओं के दर्शक ना बनकर मार्गदर्शक बनें, तभी धर्म की प्रभावना आगे बढ़ेगी: आचार्य सौरभ सागर
मुनि आर्यिका दर्शन यात्रा में आए श्रद्धालुओं सहित उपस्थित श्रावकों को अपने आशीर्वचन देते हुए आचार्य सौरभ सागर महाराज ने कहा की – आज के दौर में सभी प्राणी केवल दर्शक बनकर रह गए है, जबकि उन्हें मार्गदर्शन देने के लिए आगे आना चाहिए और युवाओं को धर्म से समाज से जोड़कर धर्म की प्रभावना में अपना योगदान देना चाहिए। बड़े-बुजुर्ग तो धर्म से जुड़े हुए है किंतु युवा वर्ग धर्म से विलुप्त होता जा रहा है, उसके लिए समाज के बड़े – बुजुर्गो को युवाओं में जिम्मेदारी का बोझ डालकर समाज से जोड़ना चाहिए और उनके मार्गदर्शक बनकर उन्हें सीखा – समझाकर धर्म से जोड़कर नवीन पीढ़ी की नींव स्थापित करनी चाहिए।
युवाओं के आगे आने से ही धर्म की पहचान बढ़ेगी: आचार्य नवीननंदी
बरकत नगर में चातुर्मास कर रहे आचार्य नवीन नंदी महाराज ने कहा कि धर्म और समाज में युवाओं की बहुत ही महत्ती भूमिका है, जिस समाज ने युवाओं के महत्व को समझ लिया, उस समाज के धर्म की प्रभावना अजर-अमर स्वयं हो जाती है। क्योंकि समाज में धर्म के प्रभावना की पहचान केवल युवाओं से है, बड़े – बुजुर्ग उन युवाओं के संस्कार और सम्मान है। इसलिए प्रत्येक समाज में युवाओं को आगे आना चाहिए और धर्म प्रभावना स्थापित करनी चाहिए।