गणाचार्यश्री के शिष्य देश में जगह जगह कर रहे धर्म प्रभावना
राजेश रागी, रत्नेश जैन बकस्वाहा/पन्ना। जिले के सलेहा के समीपवर्ती अतिप्राचीन जैन तीर्थ श्रेयांसगिरि मे चातुर्मासरत गणाचार्य श्री विरागसागर जी महाराज ने छिंदवाड़ा से आए श्रमणाचार्य श्री 108 विभव सागर जी महाराज के संघस्थ 6 ब्रह्मचारिणी दीदी व भैया को दीक्षा की स्वीकृति देकर आशीर्वाद दिया। इसी पावन अवसर पर सभी दीक्षार्थी ब्र. भैया व बहिनों की गोद भराई संपन्न हुई, ये दीक्षार्थी देश के विभिन्न नगरों के निवासी हैं , सभी दीक्षार्थी संसार से विरक्ति धारण कर जल्द ही आचार्य श्री विभव सागर जी महाराज के कर कमलों से दीक्षा धारण कर कठिन व्रतों का पालन कर कर्मों की निर्जरा करेंगे। पूज्य गणाचार्य श्री के दर्शन कर सभी दीक्षार्थी गदगद थे, सभी ने गुरु महिमा बतलाते हुए कहा कि हम धन्य है कि हमें पूज्य गणाचार्यश्री जैसे गुरु प्राप्त हुये और गुरु चरणों में यही भावना भाते हैं कि हम भी आपके पद चिन्हों पर चलकर एक दिन मोक्ष को प्राप्त करें।
गणाचार्यश्री के 350 से अधिक शिष्य देश में कर रहे धर्म प्रभावना
श्रेयांसगिरि मे चातुर्मास कर रहे बुंदेलखंड के प्रथमाचार्य, उपसर्ग विजेता, राष्ट्रसंत, भारत गौरव गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महामुनिराज के लगभग 350 सुयोग्य शिष्य देश के 11 प्रांतों के 80 स्थानों पर उप संघ धर्म प्रभावना कर रहे हैं। भरत सेठ ने बताया कि पूज्य गणाचार्यश्री द्वारा 9 आचार्य, 7 उपाध्याय, 1 स्थविर,1 गणधर, 1 प्रवर्तक, 123 मुनि, 5 गणिनी आर्यिका, 90 आर्यिका, 21 क्षुल्लक, 44 क्षुल्लिका लगभग 350 दीक्षित साधु साध्वी संपूर्ण देश के 80 स्थानों मे मध्य प्रदेश में 36 , उत्तर प्रदेश मे 8, दिल्ली मे 3, झारखंड मे 7, महाराष्ट्र में 4, गुजरात में 2, राजस्थान में 10, हरियाणा में 2, बंगाल में 1, बिहार में 3, आसाम में 1 स्थान पर चातुर्मास कर आत्म व जन कल्याण के साथ धर्म प्रभावना रहे हैं। पूज्य गणाचार्यश्री द्वारा अभी तक 140 मुनि व आर्यिकाओ को समाधि करा चुके हैं।