राजेश जैन दद्दू/इंदौर। आर्थिक दृष्टि से कमजोर दिगंबर एवं श्वेतांबर जैन जरूरतमंद परिवार के बच्चों को दिगंबर जैन आम समाज संगठन (श्री इंदर वीणा सेठी) एवं आईकॉन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत रविवार को मोदी जी की नसिया बड़ा गणपति पर परम पूज्य आचार्य विहर्षसागर जी महाराज ससंघ एवं मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज, श्री कमल मुनि जी महाराज ससंघ के सानिध्य में कक्षा केजी से लेकर कॉलेज मैं हायर एजुकेशन लेने वाले 600 से अधिक विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों एवं दि० एवं श्वेतांबर जैन समाज के अति विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति में लगभग 28 लाख रुपए की सहायता राशि उनके स्कूल कॉलेज के नाम चेक द्वारा वितरित की गई। इस अवसर पर उपस्थित आचार्य श्री सहित सभी मुनि भगवंतों ने योजना की सराहना करते हुए आयोजकों को बधाई एवं लाभान्वित बच्चों को आशीर्वाद दिया। आचार्य विहर्षसागर जी महाराज ने इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए सभी से आव्हान किया कि दिगंबर एवं श्वेतांबर का भेद मिटाकर समाज एकता के साथ हिल मिल कर रहें। आज एकता की आवश्यकता है संतवाद पंथवाद की नहीं। आपने विद्यार्थी गणो को भी धर्म की राह पर चलते हुए पढ़ लिख कर अपने अंदर कुछ बनने का जुनून पैदा करें और मन लगाकर पढ़ते हुए सफलता प्राप्त करने के साथ समाज एवं परिवार का नाम रोशन करने की प्रेरणा दी। आचार्य श्री ने आयोजकों को यह प्रेरणा भी दी कि जिन बच्चों में जो प्रतिभा है उस अनुरूप उनके शिक्षण प्रशिक्षण की निशुल्क व्यवस्था भी की जाए ताकि वे प्रशिक्षित होकर अपना रोजगार स्थापित कर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। आचार्यश्री सहित सभी मुनि भगवंतों ने समाज जनों को यह संकल्प भी दिलाया कि वह अब हमेशा अपने नाम के साथ जैन अनिवार्य रूप से लिखेंगे गोत्र और सरनेम नहीं ताकि जनगणना होने पर शासन के रिकॉर्ड में जैनों की सही जनसंख्या दर्ज हो सके। अक्षय बम ने भी समारोह को संबोधित किया।प्रारंभ में चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन अशोक मेहता, नरेंद्र वेद्, डी के जैन, नकुल पाटोदी, ने किया। आईकॉन सोसाइटी के प्रमुख कांतिलाल बम ने संस्था की कार्यप्रणाली और गतिविधियों की जानकारी दी। समारोह में पूर्व कुलपति डॉक्टर नरेंद्र धाकड़, निर्मल कासलीवाल, इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ जैन फोरम के अशोक मेहता, प्रकाश भटेवरा, आशीष मेहता, डॉक्टर जैनेंद्र जैन आदि विशिष्ट जन उपस्थित थे। संचालन चिराग जैन ने किया एवं आभार इंदर सेठी ने माना।