डबरा में उपाध्याय मुनि श्री 108 विहसंत सागर महाराज के सानिध्य में हुआ आयोजन
जया अग्रवाल/ग्वालियर। उपाध्याय मुनि श्री 108 विहसंत सागर जी महाराज के सानिध्य डबरा में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया । इसकी जानकारी देते हुए पर वर्षा योग समिति डबरा ने बताया कि गणाचार्य परम पूजनीय 108 विराग सागर महाराज जी के शिष्य उपाध्याय मुनि श्री 108 विहसंत सागर महाराज जी एवं मुनि श्री 108 विश्व साम्य सागर जी महाराज के सानिध्य में राष्ट्रहित में नारी का योगदान विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समस्त भारत से हजारों की संख्या में गुरु भक्त उपस्थित हुए मुख्य रूप से प्रांत अध्यक्ष मोनिका जैन एडवोकेट भारत तिब्बत सहयोग मंच, ग्वालियर पार्षद प्रेमलता जैन ,धर्मेंद्र जैन, सिकंदर कंपू जैन मिलन अध्यक्ष अलका जैन, कृष्णा रावत, प्रमिला जैन, सुधा ब्रह्मकुमारी आश्रम, भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्रीमती सुशीला बरैया, डॉ अंजलि भार्गव उपस्थित हुई। आरोग्यमय वर्षा योग समिति द्वारा आचार्य विराग सागर जी महाराज का चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन करके बड़ी ही भक्ति भाव से मेडिटेशन गुरु श्री विहसंत सागर जी महाराज की सभी भक्तों ने अष्ट द्रव से पूजा अर्चना की। मुनि श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि नारी के बिना ,कोई भी कार्य नहीं हो सकता नारी का उत्थान आज के समय से नहीं नारी का उत्थान तो भगवान ऋषभदेव के समय से चला आ रहा है जैसे शरीर में नाभि का महत्व होता है वैसे ही देश में नारी का महत्व होता है। भक्तांबर मंडल सराफा बाजार , बहू मंडल, आदिनाथ मंडल, जागृति महिला मंडल द्वारा नारी शक्ति पर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। युवा मंडल एवं वर्षा योग समिति द्वारा मंच की अध्यक्षता की गई, जिसमें मुख्य रूप से महावीर जैन, हेमंत जैन, राजीव जैन, रितेश जैन,विवेक जैन, दीपक जैन, संजय जैन, एवं समिति के अध्यक्ष विनोद शंघाई, महामंत्री नरेंद्र जैन नीरू, कोषाध्यक्ष कोमल चंद जैन,अतुल जैन आहार व्यवस्थापक, शास्त्री अनुराग जैन, अमन जैन उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों एवं गुरु भक्तों का सम्मान बसंत जैन, संजय जैन, महावीर जैन, दिनेश जैन, महेंद्र जैन, जितेंद्र जैन, राजू जैन, ममता जैन, अंजू जैन, नीतू जैन, सविता जैन, ऋतु जैन, कसक जैन, संचिता जैन द्वारा मोमेंटम एवं शॉल भेंट करके किया गया। उपस्थित अतिथियों ने राष्ट्रहित में नारी का योगदान विचार गोष्ठी में अपने अपने विचार रखें, जिसमें सभी वक्ताओं ने विशेषकर कर महिलाओं को अलग-अलग क्षेत्रों में आगे बढ़कर कार्य करने के ऊपर जोर दिया। एवं प्राचीन काल से आधुनिक काल तक नारी के राष्ट्रहित में योगदान की समीक्षा की।