Sunday, November 24, 2024

नशा सिलो पाइजन की तरह शरीर को नष्ट कर देता है: आचार्य श्री आर्जव सागर जी

नशे में व्यक्ति अपने संयम को खो देता है

अशोक नगर। नशा सिलो पाइजन की तरह शरीर को नष्ट कर देता है नशे की लत धीरे-धीरे शरीर का ही नाश कर देती है नशा से व्यक्ति अपने आप को भूल जाता हैं नशें में व्यक्ति अपना संयम खो देता है नशीली वस्तु के सेवन से जीवन का नाश हो जाता है एक सिगरेट पीने से अठारह मिनिट आयु कम हो जाती है सिगरेट के पैकिट से आज सरकार ने चेतावनी लिख दी फिर भी आप लोग को अपनी जान प्यारी है ना ही अपनों की परवाह है जो आपके शुभ चिंतक आपके परिजन है उनकी सोचों आप अपनी परिवार को तड़पते छोड़ जाते हैं तवाकू जिसे गधा भी नहीं खाता उसके लिए लोग खाते देखा गये आज तो सरकार ने तंबाकू के पैकेट पर भी सरकार ने चेतावनी लिख दी।
उक्त आश्य के उद्गार आचार्य श्री आर्जवसागरजी महाराज ने व्यक्त किए।

परिणाम अच्छे होने चाहिए

उन्होंने कहा कि आप जो-जो मनो भाव करते हैं वह हो जाता है परिणामों की विशुद्धि होना चाहिए हजारों फिट ऊंचे पर्वत पर भी पानी मिल जाते हैं ये प्रकृति सभी पर करूणा करके आपको देती रहती है आज भी विशुद्धि से भरे परिणाम वाले व्यक्ति हमें वुदेल खण्ड में मिलते रहते हैं तव ही तो आचार्य श्री ने इस क्षेत्र को पसंद किया आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जब पहली बार गये और दहलान में वैठे थे एक युवा आया वह कुएं से पानी निकल रहा था उसकी गांगर परात में रखी थी जो जल परात में गिर गया उस जल को भी सभाल कर छानकर जीवानी की उसको देखकर आचार्यश्री के मुख से निकला जय वुदेल खण्ड इस तरह जो भी क्रिया विवेक से की जाती है उससे दया धर्म का पालन होता है आज प्रमाद हावी हो गया जीवन पर जीवन में करुणा होना चाहिए ।

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