अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर (एपीसीसी), दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व का पहला और एकमात्र प्रोटॉन थेरेपी सेंटर, और आयन बीम एप्लीकेशन्स (आईबीए), बेल्जियम ने एशिया और दुनिया भर में निदानविदों के लिए प्रोटॉन थेरेपी प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया।
एशिया के अग्रणी और विश्वसनीय एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता अपोलो हॉस्पिटल्स ने आईबीए की प्रोटियस®प्लस प्रोटॉन थेरेपी सिस्टम का अधिग्रहण किया है और तीन वर्षों से कैंसर रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहा है। अब, इस सहयोग के साथ, अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर अपने उन्नत प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम के माध्यम से निदानविदों को प्रोटॉन थेरेपी पर ज्ञान प्रदान करेगा।
साझेदारी की घोषणा करते हुए, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष, डॉ प्रताप सी रेड्डी ने कहा, “उच्च गुणवत्ता वाले कैंसर देखभाल की अत्यंत आवश्यकता और भारत में कैंसर के मामलों की बढ़ती व्यापकता ही लगभग तीन दशक पहले अपोलो कैंसर सेंटर्स (एसीसी) की उत्पत्ति का कारण थी। तब से, एसीसी ने लगातार भारत में बेहतरीन और सबसे उन्नत कैंसर देखभाल की शुरुआत की है, जिसमें सबसे हाल ही में प्रोटॉन थेरेपी को इस क्षेत्र में लाया गया है। इसके अलावा, सभी जरूरतमंदों के लिए कैंसर देखभाल का स्तर बढ़ाने के अपने दृढ़ मिशन को ध्यान में रखते हुए, आईबीए के सहयोग से, अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर, एशिया में अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम संदर्भ केंद्र बन रहा है।”
सहयोग पर टिप्पणी करते हुए, आईबीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओलिवियर लेग्रेन ने कहा, “पिछले वर्षों में, अपोलो हॉस्पिटल्स ने स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रोटॉन थेरेपी विशेषज्ञों के समुदाय के लिए सफल प्रशिक्षण संगोष्ठी आयोजित करने में अपनी विशेषज्ञता और प्रेरणा दिखाई है। हम एशिया के प्रोटॉन थेरेपी उपयोगकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करने के लिए अपोलो के साथ सहयोग करने की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उन्हें किसी अन्य महाद्वीप न जाना पड़े।”
अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरपर्सन डॉ. प्रीथा रेड्डी ने कहा, “एपीसीसी में प्रोटॉन थेरेपी की शुरुआत 2019 में हुई थी, ऐसा दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में पहली बार हुआ था और दुनिया की सबसे उन्नत विकिरण चिकित्सा को लाखों कैंसर रोगियों के लिए अधिक सुलभ बनाने की दिशा में यह निश्चित रूप से एक बड़ा कदम था। तब से, सैकड़ों रोगियों को देखभाल सेवा प्रदान करने में, एपीसीसी की स्टेलर टीमों ने प्रोटॉन थेरेपी में उल्लेखनीय विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है और सामने आए नैदानिक परिणाम उनके कौशल को रेखांकित करते हैं। अब, आईबीए के सहयोग से एपीसीसी एशिया का पहला और विशिष्ट प्रोटॉन बीम प्रशिक्षण संस्थान बनने के साथ, यह दुनिया भर के निदानविदों को बहुमूल्य पहुंच प्रदान करेगा और ऑन्कोलॉजी तथा प्रोटॉन थेरेपी के अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता भी साबित होगा।”
अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर और हेड ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. राकेश जलाली ने कहा, “हमने दुनिया में उपलब्ध सबसे उन्नत कैंसर उपचार प्रदान करने के लिए भारत में प्रोटॉन कैंसर सेंटर की शुरुआत की। अब तक, हमने विभिन्न प्रकार के ट्यूमर के रोगियों का इलाज किया है। प्रत्येक रोगी को एक बहुत ही गहन और कठोर प्रक्रिया के आधार पर चुना जाता है और एक समर्पित साइट-विशिष्ट ट्यूमर बोर्ड और सहकर्मी समीक्षा प्रक्रिया में चर्चा के बाद उपचार के लिए स्वीकार किया जाता है। हमने देखभाल, गुणवत्ता डेटा के सृजन और कई नवीन शैक्षिक पहलों के मामले में विवेकपूर्ण और सचेत रूप से सेंटर को किसी भी अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कैंसर सेंटर के बराबर बनाया है। अब, इस सहयोग के साथ, हम समकालीन प्रोटॉन बीम थेरेपी प्रैक्टिस पर प्रशिक्षण और शिक्षा के अवसर का लाभ उठाने के लिए एशिया और दुनिया भर के निदानविदों, भौतिकविदों और चिकित्सकों को पहुंच प्रदान कर रहे हैं।”
अपोलो हॉस्पिटल्स को उन्नत चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में स्थान दिया गया है। अब तक, इसने 140 देशों के 200 मिलियन से अधिक रोगियों के जीवन को छुआ है। यहाँ प्रदान की जाने वाली सेवाओं में टर्शियरी अस्पतालों में रोगियों का उपचार, दूर-चिकित्सा के माध्यम से दूर-दराज के विशेषज्ञों से परामर्श, युवाओं को उच्च गुणवत्ता के निदानविद बनने के लिए प्रेरित करना, और एक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में राष्ट्रों और व्यावसायिक उद्यमों का समर्थन करना शामिल है। एशिया का एकीकृत निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता होने के नाते, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड के तहत 50 देशों में अस्पताल, फार्मेसी, प्राथमिक देखभाल और नैदानिक क्लीनिक और टेलीमेडिसिन इकाइयाँ शामिल हैं। अपोलो हॉस्पिटल्स ने स्वास्थ्य बीमा सेवाओं, ग्लोबल प्रोजेक्ट्स कंसल्टेंसी, नर्सिंग एवं हॉस्पिटल मैनेजमेंट कॉलेजों और वैश्विक नैदानिक परीक्षण, एपिडेमियोलॉजिकल अध्ययन, स्टेम सेल और जेनेटिक रिसर्च पर केन्द्रित रिसर्च फाउंडेशन के जरिए अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है।
चेन्नई, भारत के अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर (एपीसीसी), के बारे में:
अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर, सबसे विकसित कैंसर सेंटर और दक्षिण एशिया और मध्यपूर्व में पहला प्रोटॉन थेरेपी सेंटर है और यह भारत का पहला जेसीआई मान्यता प्राप्त कैंसर अस्पताल है। एपीसीसी में कैंसर के इलाज के दृष्टिकोण के आधार पर यहाँ पर एक मजबूत बहु-अनुशासनात्मक प्लेटफॉर्म है; अत्यधिक कुशल पेशेवर हैं जो कैंसर प्रबंधन टीम (सीएमटी) बनाने के लिए एक साथ आते हैं। प्रत्येक सीएमटी अपने मरीजों के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम देने पर केंद्रित है। टोपी में एक अतिरिक्त पंख की तरह यह भारत के पहले और एकमात्र साइट- स्पेसिफिक रोबोटिक ऑन्कोलॉजी प्रोग्राम का नया लॉन्च है।
आईबीए के बारे में
आईबीए (आयन बीम एप्लीकेशन्स एस.ए) कण त्वरक प्रौद्योगिकी में विश्व का अग्रणी है। यह कंपनी प्रोटॉन थेरेपी के क्षेत्र में उपकरणों और सेवाओं की अग्रणी आपूर्तिकर्ता है, जिसे आज के समय में उपलब्ध विकिरण चिकित्सा का सबसे उन्नत रूप माना जाता है। आईबीए औद्योगिक अनुर्वरीकरण, रेडियोफार्मास्युटिकल्स और डोसिमेट्री के क्षेत्र में भी एक अग्रणी खिलाड़ी है। बेल्जियम के लौवेन-ला-न्यूवे में स्थित यह कंपनी, दुनिया भर में लगभग 1,600 लोगों को रोजगार देती है। आईबीए एक प्रमाणित बी कॉर्पोरेशन (बी कॉर्प) है जो सत्यापित सामाजिक और पर्यावरणीय प्रदर्शन के उच्चतम मानकों को पूरा करता है।