मित्र बनाओं तो श्री कृष्ण के जैंसा, जो विपत्ति आने पर मित्रता को निभाए: साध्वी धर्मप्रभा
सुनिल चपलोत/चैन्नई। मित्र हो तो श्री कृष्ण जैसा। रविवार को श्री एस.एस.जैन भवन साहूकार पेठ में साध्वी धर्मप्रभा ने ऐतिहासिक धर्मसभा मे श्रध्दालूओ को सम्बोधित करतें हुए कहा कि जीवन में एक मित्र कृष्ण-सुदामा जैसा होना चाहिए। जो तुम्हारे लिए युद्ध न लड़े पर सच्चा मार्गदर्शक दिखाता रहें। संसार में कृष्ण-सुदामा जैसी मित्रता हो जाए,तो दुनिया से अमीरी-गरीबी का भेंद दूर हो सकता है। सच्चे मित्र कि सभी को तलाश है।लेकिन आज मित्रता मे स्वार्थ कि भावना छुपी हुई है। आजकल सुख और सम्पति में कौई भी मित्र बनने के लिए त्यार रहता है। और कैई मित्र बन जाते है किन्तु आपत्ति मे दुखः मे मित्रता निभाने वालें मित्र बहुत कम होतें है। सच्चा मित्र वो होता है जो दुख मे काम आयें। अन्यथा तो दुर्जन भी मित्र बन जातें है।
दुख प्राप्त होने पर,शत्रु के द्वारा संकट उत्पन्न करने पर विपत्ति आने पर एवं राज द्वार तथा श्मशायन मे साथ देता है वही सच्चा बंधु मित्र है। मित्र एक बहुत ही पवित्र शब्द है।पर परिस्थिति मे मित्रता निभाना अति कठिन है। श्री कृष्ण सुदामा की मेंत्री एक ऐसी आर्दश मैंत्री है । जिससे हमे प्रेरणा मिलती हैं। कि मित्रता में छोटा -बड़ा , उच्च -निच , राजा -रंक निर्धन-धनवान मे किसी प्रकार भेद भाव नही होना चाहिए। मित्र -मित्र मे प्रेम की निश्चल धारा बहती रहें। मित्र केवल मित्र होता है किसी प्रकार का उसमें भेद नही होता है। कहा श्रीखंडाधिपति श्री कृष्ण और कहा एक गरीब सुदामा बह्माण यू तो किसी प्रकार का कौई तालमेल नही था परन्तु उनकी बेमिसाल अद्वितीय अनुपम मैत्री रही । जो भारती इतिहास मे स्र्वर्ण अक्षरों मे अंकित है जो सदियों के सदियों बीत जानें पर भी आज भी बड़े आदर और गौरव के साथ याद किया जाता है। संघ महामंत्री सज्जनराज सुराणा ने बताया कि बहन. नीतू श्रीश्रीमाल ने पंद्रह उपवास और संगीता कावड़िया ने ग्यारह उपवास के साध्वी धर्मप्रभा,साध्वी स्नेहप्रभा से उपवास प्रत्याख्यान लिए थे। तथा प्रवचन के प्रश्चात छोटे -छोटे बच्चों के द्वारा श्री कृष्ण सुदामा की मैंत्री पर बहुत ही सुंदर और आकर्षक नाटिका का मंचन किया गया। प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने जानकारी देतें हुए बताया कि तपस्या करने वाली बहनो और नाटिका मे भाग लेने वालें बच्चों का श्री एस.एस.जैन संघ साहूकार पेठ के अध्यक्ष एम. अजितराज कोठारी, उत्तमचन्द्र श्रीश्रीमाल, एन. राकेश कोठारी, सुरेशचन्द डूगरवाल हस्तीमल खटोड़, सज्जनराज सुराणा, महावीरचन्द कोठारी, शांतिलाल दरणा, जितेन्द्र भंडारी, बादल चन्द कोठारी, भरत कुमार नाहर, महावीर चन्द ललवानी, सुभाष चन्द कांकलिया आदि पदाधिकारियों ने तपस्वीयो और बच्चों का सम्मान करतें हुए अभिनन्दन किया। धर्मसभा के पूर्वश्री सोजत जैन संघ तमिलनाडु चैन्नई द्वारा साहूकार पेठ मे साध्वी धर्मप्रभा के सानिध्य में रक्तदान शिविर रखा गया जिसमें सत्तर से अधिक भाई- बहनों द्वारा ब्लड डोनेट किया गया।