कर्नाटक में जैन संत की निर्मम हत्या के विरोध में जैन समाज ने दिया ज्ञापन
अशोक नगर। संत और संस्कृति की रक्षा करना सरकार का दायित्व है संत किसी एक धर्म समाज के नहीं होते वे तो अपनी साधना तपस्या से जगत के प्रत्येक जीव के कल्याण की कामना करते हैं उन्हें साधनों के सुख की कोई चाह नहीं है उपसर्ग हो या अनुकूलताए वे सभी में समता भाव को धारण करते हुए धर्म ध्यान की ओर अग्रसर होते रहते हैं फिर भी कोई किसी भी संत के प्राण ले लेता है तो वह उसे उपसर्ग ही समझते हैं लेकिन सरकार और समाज का दायित्व वनता है कि संतों की सुरक्षा व धर्म ध्यान को निर्वाधय रूप से जारी रहने दें साधु का किसी से क्या वैर भाव हो सकता है ये सब एकतरफा ईश्या के कारण है इसके लिए सरकार को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और सभी भारतीय अहिंसाक समाजों इस वात सही स्थान पर उठाना चाहिए उक्त आश्य के उद्गार मौन रैली के पूर्व धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री आर्जवसागरजी महाराज ने व्यक्त किए।
राक्षस प्रवृत्ति को जड़ मूल से सरकार को नष्ट कर देना चाहिए : विजय धुर्रा
धर्म सभा का संचालन करते हुए मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कि वीते दिनों कर्नाटक में एक जैन संत की निर्ममता की गई हत्या ने देशभर के अहिंसक समाज को धहला दिया जो संत अपने तन पर कपड़ो का भी त्याग कर चुके हैं उनके प्रति इतनी निर्दयता राक्षस प्रवृत्ति को दर्शाती है जिसे सरकार को जड़ मूल से नष्ट कर देना चाहिए समाज के महामंत्री राकेश अमरोद ने कि कर्नाटक की घटना से समूचा जैन समाज आहत हैं और अभी हम यहां से मौन जुलूस लेकर कलेक्टरों चल रहे हैं जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कर्नाटक के मुताबिक के नाम हम ज्ञापन सौंपेंगे।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जावे- राकेश कासंल
जैन समाज के अध्यक्ष राकेश कासंल ने कहा कि जैन समाज शान्ति प्रिये अहिंसक समाज अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा सजग रहता है हमारे संत सभी के कल्याण का मार्ग समान रूप वताते रहते हैं वे राग देव्ष से कोसों दूर रहते हैं फिर ऐसी घटनाओं कि कभी पुनरावृत्ति ना हो इस हेतु सरकार को दोषीयो को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए और आगे ऐसी घटनाएं ना हो इस हेतु कदम उठाने के लिए हम अपनी वात प्रशासन के माध्यम से आज सरकार तक पहुंच रहे हैं।
मौन जुलूस में ये रहे प्रमुखता से उपस्थित
धर्म सभा उपरान्त गारह वजे सुभाष गंज से काली पट्टी बांध कर एक मौन रैली दिगंबर जैन पंचायत अशोकनगर के तत्वावधान में कर्नाटक में आचार्य श्री काम कुमार नंदी जी की निर्मम हत्या के विरोध में ज्ञापन सौंपने कलेक्टर पहुंचीं। जहां ज्ञापन में श्री दिगंबर जैन दर्सनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र थूबोन जी कमेटी,श्री दिगंबर जैन युवा वर्ग, श्री विमर्श जागृति मंच, जैन मिलन, सेंट्रल जैन मिलन, पारस जैन मिलन, जैन जागृति मंडल, क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन, आदि संस्थाओं ने अपने-अपने ज्ञापन सौंपा। प्रमुख रुप से श्री राकेश कंसल, राकेश अमरोद, सुनील अखाई, अशोक जैन टिंग़ु मिल, विपिन सिंघई, नेता प्रतिपक्ष रितेश जैन आजाद, पार्षद जॉर्ज तायडे, श्रीमती अनीता जैन, महेंद्र मिंदा, एसके जैन कलेक्ट्रेट, शैलेंद्र श्रृंगार, अजीत बरोदिया,निर्मल मिर्ची, मनोज रन्नोद, नवीन सर, प्रमोद मंगलदीप नितिन बज,राजीव चंदेरी, मनोज भेसरबस, नीलेश टिंकल, केवलचंदजी भुसा, संजीव भारिल, पवन करैया, नरेश धुर्रा जी, अजीत जैन एलआईसी, सुलभ जैन अखाई, मनोज जैन भोला , अनिल जैन भारत नीलू मामा, विनोद भारिल, विपिन चंपालाल, राकेश रेडियो, जीतू घाटबमुरिया, मनोज जैन भोला, मनीष जैन एमपीटीसी, मनीष जैन पाली,मुन्ना लाल जी भांजल , वीरेंद्र अथाईखेड़ा, राकेश पोची आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
कलेक्ट्रेट पहुंचकर दिया ज्ञापन
इस दौरान समाज के महामंत्री राकेश अमरोद थूवोनजी कमेटी के महामंत्री विपिन सिंघाई ने ज्ञापन का वचन किया जिसमें
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री, भारत सरकार,
विषय: कर्नाटक के बेलगाम में जैन संत कामकुमार नंदी जी का अपहरण और हत्या के संबंध में*
कर्नाटक में बेलगाम के निकट हिरेकोड़ी में जैनाचार्य श्री कामकुमार नंदी जी के अपहरण और नृशंश हत्या का समाचार सुनकर सम्पूर्ण जैन समाज स्तब्ध और शोकाकुल है। जैन साधुओं पर हो रहे हमलों और अब हत्या से सम्पूर्ण जैन समाज आक्रोशित है।
पूरा जैन समाज भारतीय जैन मिलन के माध्यम से आपसे निवेदन करता है कि इस घटना से जुड़े सभी दोषियों को शीघ्र सजा दी जाये,जिससे कि इस प्रकार का कुकृत्य करने वालों को सबक मिल सके।
अपने पूज्य साधुओं के प्रति इस प्रकार की घटनाओं को जैन समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम मांग करते हैँ कि सभी जैन साधु/साध्वियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाये और ऐसे ठोस प्रबंध किये जाएँ कि भविष्य में इस प्रकार की घटना ना हो।
जैन समाज सदैव से ही राष्ट्र की सेवा,समाज की सेवा में अग्रणी रहा है, और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, अतः हम हमारे इस अनुरोध पर शीघ्र विचार करने की आशा करते हैँ।