महिला मंडल ने चातुर्मास में रात्रि भोजन के साध्वी प्रितीसुधा से लिए सकल्प
सुनिल चपलोत/भीलवाड़ा। समय बड़ा अमूल्य है। मंगलवार को अहिंसा भवन शास्त्री नगर में साध्वी डॉ. प्रितीसुधा ने श्रध्दालुओं को सम्बोधित करतें हुए कहा कि इंसान का बिता हुआ समय वापस नही आता है। अगर समय रहतें इंसान चेत जाये तो मानव जीवन को सफल बना सकता हैं। चौरासी लाख जीवात्मा के बाद ही मनुष्य को मानव भव प्राप्त होता है। लेकिन मनुष्य भोग विलास और मोह, माया, लोभ में जीवन का सुख समझ रहा है। जबकि वस्तुओं से आत्माको सुख नही मिलने वाला है। यह संसार रेन बसेरे कि तरह है, मनुष्य के जन्म लेते समय ही उसके मृत्यु का समय निरधारित हो जाता है।अगर मनुष्य समय रहते समय को साध ले तो वह अपनी आत्मा को मोक्ष दिला सकता है इस संसार मे मानव को मनुष्य भव दुबारा मिलना कठिन है लेकिन समय का सदउपयोग कर लेगा तो समय की मह्ता को जानकर जीवन का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। महासती उमराव कंवर,विदुषी मधुसुधा, साध्वी संयमसुधा आदि सभी ने कहा कि यह संसार झूठा है सब मोह माया है। मनुष्य का जीवन दुलर्भ और हीरे के सम्मान है इसे यू ही व्यर्थ नही गवायें। क्योंकि बिता हुआ समय दुबारा से लौटकर आने वाला नहीं हैं। इसदौरान श्रावक संघ के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह बाबेल,अशोक पौखरना, हेमन्त आंचलिया,सुशील चपलोत महामंत्री रिखब चंद पीपाड़ा,संदीप छाजेड़ आदि पदाधिकारियों की चंदनबाला महिला मंडल की अध्यक्षा नीता बाबेल मंत्री रजनी सिंघवी और पूर्वसभापति मंजू पोखरना और महिला मंडल की सभी बहनों की साध्वी प्रितीसुधा के सानिध्य में महिला मंडल की सभा रखी गई जिसमे साध्वी मंडल की प्रेरणा पर पंचरंगी और उपवास आंयबिल करने लिए प्रोत्साहित करते हुए सभी को चातुर्मास में रात्रि भोजन के को सभी प्रत्याख्यान दिलवाये।