जयपुर। महाश्रमणी राजस्थान सिंहनी पूज्या गुरूमाता (माताजी म सा) महासती श्री पुष्पवती जी म सा, उपप्रवर्तनी सदगुरूवर्या डाॅ राजमती जी म. सा. आदि ठाणा 7 महावीर भवन मानसरोवर मे प्रतिदिन जिनवाणी की अमृतमय गंगा बहा रहे है। आज का पावन दिन हम सभी के समक्ष गुरू पूर्णिमा के रूप मे उपस्थित हुआ। आज के प्रवचन मे सभी महासतीवृन्द के मुखारविंद से गुरू की महिमा का अहोभाव से व्यक्त किये गये उद्गगारो को उपस्थित श्रावक श्राविकाओ ने श्रवण किया। सर्व प्रथम विद्याभिलाषी पूज्या महासती श्री राज किर्ती जी म सा के मुखारविंद से मुक्तको के माध्यम से गुरू की महिमा का गुणगान किया गया। तत्पश्चात निर्भीक वक्ता पूज्या महासती श्री राजरिद्धि जी म सा ने फरमाया की हम सभी के जीवन मे गुरू एवं माॅ का विशेष महत्व है। तप सूर्या पूज्या मसासती श्री राज रश्मि जी म सा ने गुरू एक सेवा अनेक के स्वरूप को समझाया उप प्रवर्तिनी पूज्या महासती श्री राजमती जी म सा के मुखारबिंद से भी गुरू की महिमा पर प्रवचन श्रवण का उपस्थित सभी ने लाभ लिया। म सा श्री ने उपस्थित सभी श्रावक- श्राविकाओ को चातुर्मास मे अधिक से अधिक धर्म ध्यान, तप-त्याग, सामायिक स्वाध्याय दया, संवर पौषध एवं प्रवचन श्रवण की प्रेरणा की है। आयंबिल के तेले की लड़ी, पचरंगी मे भी अधिक से अधिक नाम लिखाने की प्रेरणा की है। 05-07-2023 से पूज्या महासती जी म सा के मुखारविंद से प्रति दिन दोपहर 3 से 4 आगम शास्त्र की मूल वाचना की जायेगी। साथ ही आज प्रवचन के पश्चात पूछे गये पांच प्रश्नोत्तर के वात्सल्य प्रोत्साहन के लाभार्थी मदनगंज किशनगढ़ से सिंघवी परिवार थे। श्री संघ की तरफ से सिंघवी परिवार का बहुत बहुत साधुवाद।