सुनिल चपलोत/चैन्नई। अंधकार से प्रकाश की ओर कोई ले जा सकता है तो वह गुरू। एस.एस.जैन भवन मे सोमवार को गुरू पूर्णिमा के अवसर सभी को आर्शीवाद देते हुये महासती धर्मप्रभा ने कहा कि संसार के सब धर्मो मे ईश्वर से भी बड़ा दर्जा दिया गया है तो वह गुरू को,इंसान दुनिया मे कितनी भी दौलत शोहरत प्राप्त करले पर गुरू के उपकार का नही चुका पाएगा। किसी को भी सदमार्ग कौई दिखा सकता है तो वह गुरू जो कभी भी शिष्य का अहित नही चाहेगा। गुरू के प्रति श्रध्दा समर्पण की भावना रखकर ही व्यक्ति ज्ञान को प्राप्त कर सकता है जो कौई गुरूओ की निंदा करता है उसे परमात्मा भी माफ नही करतें है। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि बिना गुरू के मनुष्य का जीवन शून्य है। पत्थर को भगवान बना सकता है तो वह गुरू है। अज्ञान से ज्ञान का मार्ग कौई दिखा सकता है तो वह गुरू ही है। जो कभी शिष्य को भटकने नही देगा। वर्तमान परिवेश मे नई पीढ़ी मे संस्कारो के अभाव से दिशा हीन होकर गलत रास्ते इख्तियार करके शॉर्टकट मे जीवन मे प्रसिद्धि प्राप्त करना चाहती है। जबकि जीवन का विकास ओर निर्माण गुरू की शिक्षा के बिना असंभव है। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर साहूकार पेठ एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम. अजितराज कोठारी कार्याध्यक्ष महावीर सिसोदिया महामंत्री सज्जनराज सुराणा सुरेश डूंगरवाल, हस्ती मल खटोड़, जितेंद्र भंडारी, भरत नाहर आदि सभी पदाधिकारियों ने विचार व्यक्त करते हुये साध्वी मंडल एवं धर्मसभा मे उपस्थित श्रध्दालूओ को गुरू पूर्णिमा बधाई दि। कार्याध्यक्ष महावीर सिसोदिया ने बताया कि इसदौरान राजस्थान, महाराष्ट्र एवं स्थानीय चैन्नई जैन समाज के अनेको श्रावक श्राविकाओ ने साध्वी मंडल से गुरू पूर्णिमा का महामंगल पाठ लिया। तथा धर्मसभा का संचालन सज्जनराज सुराणा द्वारा किया गया दिनांक 5 जुलाई बुधवार से पैसटिया छंद का जाप घर घर मे एवं सिध्दी तप की साधना एस एस. जैन संघ साहूकार पेठ मे प्रांरभ होगी।