चंद्रेश जैन/श्रीमहावीरजी। क़स्बे के बकजी मंदिर के समीप सांस्कृतिक मंच पर चल रहे भगवान राम दरबार प्राणप्रतिष्ठा और रामकथा महोत्सव में सातवें दिन श्रृंगवेरपुर की कथा में भगवान राम और निषाद राज मिलाप की मार्मिक कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया । कथा वाचक आरती भारद्वाज ने रामकथा के सातवे दिन दिन राम वनवास की कथा सुनाई श्रीराम कथा में जनसैलाब उमड़ पड़ा व्यास आरती भारद्वाज ने इस दौरान राम निषाद राज मिलाप को इस तरह से प्रस्तुत किया देखते ही देखते पंडाल में बैठे हजारों हजार श्रद्धालुओं की आंखें सावन भादों हो गयी। इस दौरान शबरी राम संवाद भी पेश किया। कथा को सुन श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाचने लगे ।कथा में राम ओर भरत प्रेम को कथा के रूप में सुनाया । लेकिन विधि का विधान है कि सबको इसी जन्म में ही सब कुछ भोगना होता है।कैकयी के साथ भी ऐसा हुआ। और उसी राम ने 14 साल बाद जब मां कहा तो कैकयी को अपनी भूल का अहसास हुआ। राम वनवास प्रसंगों को कथा वाचक ने मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया कि श्रद्धलुओं की आंखों को आंसुओं से भर देने वाली राम निषाद राज मिलाप प्रसंग को सबके सामने रखा। बताया कि त्याग,न्याय और नीति के प्रतीक जनमानस में भरत की पहचान साधु का भी है। इस मोके ओर आयोजन समिति के ओमप्रकाश गर्ग ,रामकेश गुर्जर पत्रकार ,नेमीचंद गोयल हरि गोयल ओमप्रकाश गोयल उपस्थित थे ।