नवीन वेदी में विराजे श्रीजी
जयपुर. शाबाश इंडिया। वरुण पथ मानसरोवर श्री दिगंबर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका 105 भरतेश्वरी माताजी ससंघ के सानिध्य व पंडित प्रद्युमन शास्त्री के निर्देशन में तीन दिवसीय वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव के तृतीय दिन प्रात: नित्यभिषेक, शांति धारा, के साथ भगवान महावीर की अष्ट द्रव्यों से सैकड़ों महिला एवं पुरुषों ने संगीतमय पूजा के अर्ध चढ़ाए व विश्व शांति महायज्ञ हवन में आहुति दी। चित्र अनावरण, पादप्रक्षालन, शास्त्र भेंट, पदम चंद, राजेश जैन भरतपुर परिवार ने किया। इससे पूर्व आर्यिकाश्री ने अपने आशीर्वचन में बताया जिस मनुष्य ने भगवान का मंदिर का निर्माण किया है उसका निर्वाण (मोक्ष) निश्चित है । जिसने मंदिर में प्रतिमा स्थापित की है, उसके परिवार में सुसंस्कार निश्चित आयेंगे। आर्यिका श्री ने बताया धर्म की जड़ सदा हरि होती है। सुनील जैन गंगवाल ने बताया नवनिर्मित जिनालय का भामाशाह भंवरी निर्मल काला ने व वेदी का सतीश-मंजू कासलीवाल, कार्यालय का उद्घाटन हरीश लता बगड़ा ने किया। आर्यिकाश्री द्वारा चैत्यालय की प्रतिमा के साथ मंदिर के शिखर पर विराजमान श्रीजी को मंत्रोचार से बीजाक्षर अंकित कर नवनिर्मित जिनालय में विराजमान किया। समिति अध्यक्ष एम पी जैन, मंत्री जे के जैन ने बताया समिति द्वारा समाज के द्वारा प्रतिष्ठित, सरल हृदय, दानवीर, मुनि भक्त, निर्मल कुमार काला (वनस्थली विद्यापीठ) जेतपुरा वाले को समिति को दिये गये आर्थिक सहयोग के लिए भामाशाह की उपाधि से अलंकृत कर सम्मान पत्र देकर गौरान्वित किया गया , जिसे अध्यक्ष द्वारा समाज के सामने पढ कर सुनाया। कार्यक्रम के अंत में विभिन्न पुण्यार्जक मूलचंद जैन लालकोठी, ज्ञानचंद खेड़ली, अजीत जैन इडइ, पुरन मल अनोपडा, सुरेश चंद जैन बांदीकुई, अशोक पापड़ीवाल, सी एम जैन, श्रीपाल बड़जात्या, अनिल दीवान, शैलेंद्र जैन, रविन्द्र जैन, मुकुट सेठी, अजीत जैन, सुरेंद्र जैन गुजर की थड़ी, सुधीर बोहरा, डॉ कमला गर्ग, सुनील गोधा, कौशल्या पाटोदी, बी के जैन टी टी, नरेंद्र कासलीवाल, गुणमाला जैन, कैलाश जैन,मनमोहन जैन का माला व साफा पहना कर स्वागत किया।