Monday, November 25, 2024

जैन धर्म के 16वें तीर्थंकर 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का जन्म, तप ओर निर्वाण महोत्सव जैन संत 108 निर्वेग सागर जी महाराज के सानिध्य में मनाया

झुमरीतिलैया। श्री दिगंबर जैन समाज के सानिध्य में जैन संत परम पूज्य मुनि श्री 108 निर्वेगसागर जी मुनिराज, 108 मुनि शीतल सागर जी मुनिराज के मंगल आशीर्वाद से जैन धर्म के 16 वें तीर्थंकर देवाधिदेव 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का निर्वाण महोत्सव गुरुवार को ज्येष्ट कृष्ण चतुर्दशी को बहुत ही धूमधाम से श्री दिगंबर जैन दोनों मंदिर में मनाया गया। जिसमें प्रातः श्री दिगंबर जैन बड़े मंदिर जी में शांति नाथ वेदी में आज देवाधिदेव 1008 शांति नाथ भगवान के जन्म तप मोक्ष कल्याणक दिवस पर विशेष प्रथम कलश एवं शांति धारा अजय कुमार, अमित गंगवाल, सुरेन्द्र सौरभ काला, निर्वाण लाडू कैलाश, कमल, मनीष गंगवाल ने चढ़ाया।
इसके साथ ही आज मोक्ष कल्याणक पर्व के अवसर पर निर्वाण लड्डू समाज के कैलाश कमल मनीष गंगवाल ने श्री जी के चरणों मे चढ़ाया। इस अवसर पर मुनि श्री 108 निर्वेगसागर जी मुनिराज ने अपनी प्रवचन श्रखला में बताया किजीवन को सुंदर कैसे बनाए के अंतर्गत बताया कि आप अपने जीवन मे कुछ ना कुछ नियम जरूर लीजिए और मन को धर्म मे लगाइए, 60 साल के बाद तो एक समय भोजन और शाम को फलाहार लेकर अपने जीवन को स्वस्थ बनाइये और धर्म मे लगाइए। बच्चे को शुरू से ही नियम संयम का पाठ पढ़ाना चाइये, जिससे आगे जाकर अपने जीवन मे संयम पालन कर अपने जीवन को उत्तम बना सके। समाज के मंत्री ललित सेठी के साथ सेकड़ो लोग उपस्थित थे। साथ ही आज कोडरमा से आये पत्रकार राज अजमेरा, संजय गंगवाल के साथ दिल्ली से आये अर्हम योग के प्रशिक्षक एडवोकेट अजय जैन ने आचार्य श्री 108 विद्या सागर जो महामुनिराज के शिष्य के सानिध्य में सम्मेदशिखर के शांतिनाथ भगवान के निर्वाण स्थली कुन्दप्रभ टूक पर निर्वाण लड्डू चढ़ाया।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article