उदयपुर। वात्सल्य वारिधी पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज ने धर्म नगरी उदयपुर में संघस्थ क्षुल्लिका 105 श्री शांतमति माताजी को 15 मई को आर्यिका दीक्षा दी। आचार्य श्री द्वारा पंच मुष्ठी केशलोच कर मस्तक और हस्त पर दीक्षा संस्कार कर उन्हे दीक्षा प्रदान कर आचार्य श्री ने नूतन नाम आर्यिका श्री 105 सुभगमति माताजी प्रदान किया। धर्म के माता पिता बनने का सौभाग्य देवेन्द्र श्रीमती मीनाक्षी बोहरा उदयपुर को प्राप्त हुआ। पुण्यार्जक परिवार द्वारा संयम के उपकरण पीछि, कमंडल, शास्त्र, साड़ी दी गई। इस अवसर पर काफी भक्त उपस्थित रहे। ब्रह्मचारी गजू भैय्या राजेश पंचोलिया के अनुसार आर्यिका 105 श्री सुभगमति जी माताजी जिनके गृहस्थ अवस्था का नाम घिसी देवी ठोलिया रहा इनका जन्म भादवा जिला जयपुर में हुआ। वर्तमान में उम्र 80 वर्ष की है। गृहस्थ अवस्था पति का नाम चिरंजीलाल ठोलिया जोबनेर निवासी हैं। पूज्य माताजी ने लौकिक शिक्षा प्राइमरी तक की, इसके साथ ही धार्मिक शिक्षा का अध्यन कर धर्म शिक्षा का शास्त्र ज्ञान अर्जित किया। इनके परिवार के ही गृहस्थ अवस्था के पुत्र क्षुल्लक 105 श्री विशाल सागर महाराज हैं, जो वर्तमान में आचार्य श्री वर्धमानसागर महाराज संघ में है। इतना ही नही इनकी पुत्रवधू आर्यिका 105 विचक्षणमति माताजी है। आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर महाराज संघ में है। इन्हें आर्यिका दीक्षा 15 मई 2023 को उदयपुर में आचार्य श्री 105 वर्धमान सागर महाराज के द्वारा प्रदान की गई। इसके पूर्व श्रीमती धीसी देवी जोबनेर द्वारा क्षुल्लिका दीक्षा वात्सल्य वरिधि आचार्य श्री वर्धमानसागर महाराज से श्रावण शुक्ल सप्तमी 2022 चार अगस्त 2022 को ग्रहण की गई। राजेश पंचोलिया वात्सल्य भक्त परिवार से प्राप्त जानकारी। -अभिषेक जैन लुहाड़िया, रामगंजमंडी