Saturday, September 21, 2024

सम्मेद शिखर जी का कण -कण पावन -पवित्र : आचार्य सौरभ सागर

आचार्यश्री बोले नवागढ़ अतिशय क्षेत्र प्राचीन काल से धर्म,संस्कृति,इतिहास,कला,शिक्षा का केंद्र
नवागढ़ में स्थित प्राचीन पहाड़ियों पर स्थित साक्ष्यों का किया अवलोकन
ललितपुर। संस्कार प्रणेता,आचार्य श्री सौरभ सागर जिमहाराज महरौनी विकासखंड में सोजना के पास स्थित प्रागैतिहासिक दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र नवागढ़ में विराजमान हैं। प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ में विराजमान आचार्य श्री सौरभ सागर जी महाराज ने कहा कि तीर्थ हमारी आस्था और विश्वास के प्रतीक हैं, तीर्थ धर्म आराधन के केंद्र हैं, पर्यटन के लिए नहीं। सम्मेद शिखर जी का कण -कण पावन पवित्र है उसे पवित्र ही रहने दिया जाए,इसे सरकार पर्यटन स्थल न बनाएं क्योंकि यहां मांसाहार,मुर्गी पालन, पॉल्ट्रीफोरमिंग की शुरूवात से अशुद्धि तो होगी ही सैलानियों के आवागमन से नैतिकता का पतन होगा। भारतीय संस्कृति,धर्म की अवनति भी होगी।
उन्होंने कहा कि नवागढ़ अतिशय क्षेत्र प्राचीन काल से धर्म,संस्कृति,इतिहास,कला,शिक्षा का केंद्र रहा है ।यहां प्राप्त पुरातन विरासत से सिद्ध होता है यह राजनीतिक,संस्कृति के साथ धर्मसाधना,आत्मकल्याण का प्रमुख स्थान रहा है,यहां के शैलाश्रय,शैल चित्र,उत्कीर्ण आकृति,मूर्तिशिल्प,कलाकृतियां इसे प्रागैतिहासिक सिद्ध करते हैं। क्षेत्र के निदेशक ब्र. जय कुमार जी निशांत का प्रयास सराहनीय है मेरा बहुत बहुत आशीर्वाद। अपने श्री नवागढ गुरुकुलम के माध्यम से जैन संस्कृति एवं संस्कार के संरक्षण का जो पावन पवित्र कार्य किया जा रहा है,आज की आवश्यकता है।संस्कारों के साथ आधुनिक शिक्षा विशेष उपक्रम है।आपका दीर्घकालीन पुरुषार्थ सराहनीय है। समाज के लिए यह एक उदाहरण है। समाज को सभी क्षेत्रों पर ऐसे उपक्रम आरंभ करना चाहिए।
क्षेत्र के पदाधिकारियों ने आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन किया। इस अवसर पर नवागढ़ गुरुकुलम के विद्यार्थी उपस्थित रहे। बुधवार को आचार्यश्री ने नवागढ़ की पहाड़ियों का अवलोकन किया और पहाड़ियों पर स्थित विशिष्ट शैल चित्रों, पत्थरों पर उत्कीर्ण प्राचीन साक्ष्यों को निदेशक ब्र. जय निशांत जी ने परिचय कराया।
सम्मेदशिखर जी के संरक्षण के लिए आचार्यश्री के सान्निध्य में होगा विधान :
नवागढ़ तीर्थक्षेत्र के प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ललितपुर ने बताया कि आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज जी के मंगल सानिध्य में शिखरजी के संरक्षण हेतु प्रागैतिहासिक क्षेत्र नवागढ़ जी में विधान का आयोजन 22 दिसंबर को संपन्न किया जा रहा है जिसमें समस्त क्षेत्रीय समाज मूल नायक अरनाथ भगवान के श्रीचरणों में सम्मेद शिखर के ऊपर आए हुए संकट को दूर करने का भाव करते हुए विधान विधि विधान के साथ किया जाएगा।
क्षेत्र कमेटी ने इस विधान में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होने की अपील की है।

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