Saturday, September 21, 2024

ताज और तख्त नहीं दिल में शहंशाह की हिम्मत है – मनोज गंगवाल

काव्य गोष्ठी व प्रतिभा सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

नावा सिटी । उपखंड मुख्यालय पर नावां सोशियल सर्विस सोसायटी के तत्वाधान में एक भव्य काव्य गोष्ठी व प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन रविवार को रामेश्वरधाम मंदिर परिसर में रखा गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खारिया ग्राम पंचायत के सरपंच देवीलाल दादरवाल व विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस थाना नावां के आसूचना अधिकारी प्रेम अडानिया शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य दीपक गौड़ ने की मंच पर अतिथियों के साथ मकराना से आए क्षेत्र के ख्यातनाम वरिष्ठ कवि कैलाश शर्मा, नावा सोशियल सर्विस सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष लुकमान शाह, संरक्षक सत्यनारायण लढा मौजूद रहे । सर्वप्रथम आए हुए अतिथियों ने मां शारदे के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का आगाज किया। सीताराम प्रजापत ने मां सरस्वती की स्वर वंदना प्रस्तुत की। सरस्वती काव्य कला मंच के अध्यक्ष तुलसीराम राजस्थानी ने मंचासीन अतिथियों व बाहर से पधारे हुए कविगण का परिचय कराया व सभी मेहमानों का सोसायटी के पदाधिकारियों द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत सम्मान किया गया। मारोठ के कवि श्रवण गुर्जर ने फौजीयो पर कविता प्रस्तुत की कुचामन के कवि सुरेश वर्मा ने उठे हैं जाम सरेशाम, फिर भी तन्हाई है पंक्तियों से गजल पेश की व खूब वाहवाही लूटी। पलाड़ा से पधारे कवि महेश सोकल ने महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक पर गीत की शानदार प्रस्तुति दी। सीताराम प्रजापत ने श्रद्धा काण्ड पर कविता की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। मकराना की धरती से पधारे कवि कैलाश शर्मा ने अपनी चिर-परिचित शैली में हास्य-व्यंग की रचनाओं से सदन को खूब हंसाया और जमकर सराहना पायी। अशोक अटल ने श्रद्धा इज्जत क्या होती है, ये तुमको भान न था कविता की प्रस्तुति दी और वर्तमान परिपेक्ष में हो रही घटनाओं पर जमकर प्रहार किया। कुचामन की धरती से गीतकार दिलीप सिंह शेखावत ने राजस्थानी भाषा में बेटी धीरे-धीरे चाल, उठाजै थाल्यां नै गीत की शानदार प्रस्तुति दी व जमकर तालियां बटोरी। विशिष्ट अतिथि प्रेम अडानिया ने पुलिसकर्मी के जीवन को चरितार्थ करती हुईं कविता मैं खाकीदार हूं कविता पेश करके खूब वाहवाही लूटी। कुचामन के कवि लक्ष्मण शर्मा ने विरह रस की कविता कहां छोड़कर चले गए की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी। काव्य गोष्ठी का संचालन कर रहे तुलसीराम राजस्थानी ने सामाजिक सरोकार की राजस्थानी भाषा में मावड़ी कांई जमानों आय प्रस्तुत करके सभी का दिल जीत लिया। पत्रकार व कवि मनोज गंगवाल ने ना जाने कब मौत का पैगाम आ जाए, जिंदगी की कब आखरी शाम आ जाए व ताज और तख्त नहीं मगर दिल में शहंशाह की हिम्मत है रचना की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही लूटी और तालियां बटोरी तो युवाकवि महावीर शर्मा ने आंगली पकड़ कर थे म्हाने चालबो सिखाया पापा जी पर लिखी कविता की मार्मिक प्रस्तुति दी व खूब सराहना बटोरी। नरेंद्रदेव टेलर व लुकमान शाह ने भी काव्यात्मक प्रस्तुति दी। सोसायटी के द्वारा 10-12 वीं में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले 36 बच्चों को व खेल के क्षैत्र में नावां का नाम रोशन करने वाले तथा राजकीय सेवा में चयन होने वाले 24 बच्चों को प्रमाण पत्र के साथ स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधन करते हुए मुख्य अतिथि देवीलाल दादरवाल ने सोसायटी द्वारा की जा रही सामाजिक गतिविधियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की व ऐसे आयोजन भविष्य में भी निरंतर रूप से होने चाहिए की बात कहते हुए आयोजनकर्ताओं को शानदार कार्यक्रम के लिए बधाई दी। कार्यक्रम में कवयित्री भावना बजाज, सत्यनारायण लढ़ा, मनीष व्यास, मदनलाल पीपलोदा, मोतीराम मारवाल, बाबूलाल दुबलदिया, सुरेश गौड़, हरिराम जांगिड़, भरत जोशी, दशरथ सिंह राठौर, बाबूलाल बरबड़, रामनिवास पूनिया, शिवकरण निठारवाल, निर्मल योगी, रामेश्वर चौधरी एडवोकेट, धर्मेंद्र सिंह राठौर, प्रकाश योगी, सर्वेश्वर शर्मा, अल्पना अग्रवाल, उर्मिला टेलर, पत्रकार हितेश रारा, गोपाल कुमावत, दीपक गौड़ सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी व अभिभावकगण शामिल हुए। सभी मेहमानों व कविगण को सोसायटी की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। अंत में सोसायटी के संरक्षक सत्यनारायण लढा ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन मंच के अध्यक्ष तुलसीराम राजस्थानी ने किया।

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