पदमपुरा में हुआ श्री पद्म प्रभ शांति विधान
जयपुर। जैन संस्कृति में तप व साधना का विशेष महत्व होता है। आज के चकाचौंध एवं भौतिकता के इस युग में विशेष रूप से दिगम्बर जैन संतों की तपस्या का पूरे विश्व में कोई सानि नहीं रखता है। ये तप, साधना, त्याग, तपस्या जैन तीर्थंकरों के युग से ही चली आ रही है। पूजा विधान, धर्म साधना में भगवान की भक्ति पूरे मनोयोग एवं श्रद्धा पूर्वक की जानी चाहिए। इस तरह से की गई भक्ति का फल अवश्य मिलता है। ये उदगार पदमपुरा में गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी ने सोमवार को श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा में अपने प्रवचन में व्यक्त किए। भारत गौरव ,गणिनी आर्यिका स्वस्तिभूषण माताजी का तीन दिवसीय 53 वां अवतरण दिवस (जन्म जयंती) समारोह के दूसरे दिन मूलनायक भगवान पद्मप्रभ के अभिषेक, शांतिधारा के बाद माताजी द्वारा रचित श्री पद्मप्रभ शान्ति विधान पूजा की गई।
मुख्य समन्वयक रमेश ठोलिया एवं उपाध्यक्ष विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि बताया कि श्री पद्मप्रभ शान्ति विधान पूजा का संगीतमय आयोजन किया गया। इन्द्र-इन्द्राणियों ने भक्ति नृत्य करते हुए मंत्रोच्चार के साथ अर्घ्य चढ़ाएं। इस मौके पर माताजी के साथ क्षुल्लक परिणाम सागर, क्षुल्लिका सर्वेन्द्रमति माताजी, संस्कृति भूषण माताजी, क्षुल्लिका अर्हतमति माताजी का सानिध्य प्राप्त हुआ । इस मौके पर ब्रह.अनिल जैन शास्त्री, ब्रह.प्रियंका दीदी,ब्रह.शालू दीदी, सुधीर जैन, हेमन्त सोगानी, विनोद जैन टोरडी , हंसमुख गांधी ,विनोद जैन कोटखावदा, सुरेश काला, जे एम जैन, चेतन जैन निमोडिया, सुबोध चांदवाड, दीपक बिलाला, शिखर चन्द कासलीवाल, पुष्पा सोगानी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य श्रेष्ठी शामिल हुए। क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट सुधीर जैन एवं मंत्री एडवोकेट हेमन्त सोगानी ने बताया कि मंगलवार, 01 नवम्बर को प्रातः गुलाब कौशल्या चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से दिव्यांगो को ट्राई साईकिल वितरण किया जाएगा।
समारोह की अध्यक्षता समाज सेवी नरेश मेहता करेंगे।तत्पश्चात चातुर्मास मंगल कलशों का पुण्यार्जक परिवारों को वितरण किया जायेगा। वित्त मंत्री अजय बड़जात्या एवं माणक ठोलिया ने बताया कि ससंघ का गुरुवार,3नवम्बर को पदमपुरा से प्रातः 7.00बजे गोनेर के लिए मंगल विहार होगा। माताजी ससंघ का गोनेर से जगतपुरा,जय जवान कालोनी होते हुए शनिवार,5 नवम्बर को प्रातः 8.30 बजे भट्टारकजी की नसियां में भव्य मंगल प्रवेश होगा। जहां आचार्य सुनील सागर महाराज, आचार्य शशांक सागर महाराज ससंघ से भव्य मिलन होगा। माताजी भट्टारक जी की नसियां से जवाहर नगर, चूलगिरी, दौसा, सिकन्दरा, श्री महावीरजी, करौली होते हुए मुरैना के ज्ञान तीर्थ की ओर मंगल विहार होगा।