प्रकाश पाटनी/भीलवाड़ा। न्यू हाउसिंग बोर्ड शास्त्री नगर श्री आदित्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री नेमिनाथ जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के चौथे दिन ज्ञान कल्याणक महोत्सव उत्साह पूर्वक मनाया गया। समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया की प्रातः नेमिनाथ तीर्थंकर आहार लिए निकलते हैं। जहां पडगाहन करते हैं।श्रावक दिनेश कुमार सेठिया परिवार को विधि मिलने पर प्रथम तीर्थंकर को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त मिला। उसके बाद जिन्होंने नियम संकल्प लिए उन श्रावक- श्राविकाओं ने बारी-बारी- से तीर्थंकर नेमी कुमार को आहार दिया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण तीर्थंकर नेमीनाथ के आहारचार्य को देखी। दिन में मुनि श्री आदित्य सागर महाराज मुनिश्री अप्रमित सागर महाराज, मुनिश्री सहजसागर महाराज ने विधि- विधान पूर्वक करीब 150 प्रतिमाओं पर बीजाक्सर अक्षरों से मंत्र न्यास किया। प्रतिष्ठाचार्य के निर्देशन में सभी प्रमुख पात्र इंद्र-इंद्राणियों ने प्रतिमाओं को केवलज्ञान दिए जाने की संपूर्ण क्रियाएं कर हवन कुंड में पूर्णाहुति दी। इस उपरांत गणधर की जगह श्रुत संवेगी मुनिश्री आदित्य सागर महाराज, मुनिश्री अप्रमित सागर जी महाराज, मुनिश्री सहजसागर महाराज समोशरण में विराजमान होते हैं। जहां दिव्यध्वनि खिरती है। सारे देवगण उपस्थित होते हैं। प्रमुख पात्र इंद्र-इंद्राणिया के शंकाओं का समाधान मुनिश्री करते हैं। मुनि श्री ने संबोधित करते हुए कहा कि तीर्थंकर के द्वारा उत्कृष्ट तत्व, द्रव्य, पदार्थों पर श्रद्धान करता है। वह जीव सम्यकत्व को प्राप्त करता है। एवं एक दिन वह निर्वाण को प्राप्त कर लेता है। ध्यान अध्ययन करने वाला श्रमण धर्म होता है। एवं दान, पूजन करने वाला श्रावक धर्म होता है। मुनिश्री ने कहा भगवान के पास याचक बनकर मत जाना, प्रार्थना करना। रात्रि में संगीत सम्राट रूपेश जैन एक शाम नेमिनाथ के नाम भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें गायक रूपेश जैन ने भक्ति गीत स्वर लहरियों में संगीत के साथ गाकर भक्तगण झूम उठे। बड़ी संख्या में भक्तगण पहुंचकर संगीत गीतों का भरपूर आनंद लिया।