Saturday, September 21, 2024

सब औजार होने के बावजूद भी हमारे बुजुर्ग प्याज को फोड़ कर ही क्यों खाते थे

दोस्तों क्या आपने कभी खुद से सवाल किया है कि सारे औजार होने के बावजूद हमारे बुजुर्ग प्याज को फोड़ कर ही क्यों खाते थे, काट कर क्यों नहीं खाते थे तो उसका उत्तर इस प्रकार है:-

प्याज पिछले 5000 साल से भारत भर में व आजकल सारे विश्व में उगाया व खाया जाता है। दोस्तो प्याज के काटने पर जितनी तेजी से उस में पाये जाने वाले पदार्थ रासायनिक क्रिया करते हैं उतणी किसी अन्य खाद्य पदार्थ के नहीं करते। प्याज में सल्फर की मात्रा अधिक होती है अतः रासायनिक प्रक्रिया का जो अंतिम उत्पाद बणता है वो होता है सल्फ्युरिक अम्ल (H2SO4), यह अम्ल एक्वा रिजिया के बाद पाया जाने वाला सबसे शक्तिशाली अम्ल होता है जो सोने व प्लेटिनम को छोड़ किसी भी धातु के साथ क्रिया कर उसे नष्ट कर सकता है।

दूसरी बात प्याज की हर परत पर ऊपर व नीचे एक झिल्ली होती है यो कि अपाच्य होती है। वह झिल्ली फोड़णे से ही अलग हो पाती है, काटणे पर वह साथ में कट जाती है। इसलिए प्याज को किसी भी धातु से काटणा उचित नहीं है। खुद को आधुनिक दिखाने के लिए इसे काटकर नहीं फोड़ कर खाना चाहिए. आप भी आगे से ऐसा ही कीजिये.

यह सल्फर युक्त पदार्थ गंठे (प्याज) की ऊपरी परतों में सबसे ज्यादा होता है तथा बीच में नाम मात्र का होता है। Wageningen विश्वविद्यालय, नीदरलैंड्स की खोज के अनुसार गंठे (प्याज) के बीच में पाये जाने वाला quercetin बहुत ही प्रभावी ऐंटिऑक्सिडेंट है जो कि जवानी को बरकरार रखता है तथा विटामिन ई का मुख्य स्त्रोत है। वैसे तो यह पदार्थ चाय व सेब में भी पाया जाता है लेकिन गंठे (प्याज) के बीच में पाया जाने वाला पदार्थ चाय के पदार्थ से दो गुणा व सेब में पाये जाने वाले इसी पदार्थ से तीन गुणा जल्दी हजम होता है। 100 ग्राम गंठे (प्याज) में यह 22.40 से 51.82 मिलीग्राम तक होता है।

दूसरी बात प्याज की हर परत पर ऊपर व नीचे एक झिल्ली होती है यो कि अपाच्य होती है। वह झिल्ली फोड़णे से ही अलग हो पाती है, काटणे पर वह साथ में कट जाती है। इसलिए प्याज को किसी भी धातु से काटणा उचित नहीं है। खुद को आधुनिक दिखाने के लिए इसे काटकर नहीं फोड़ कर खाना चाहिए. आप भी आगे से ऐसा ही कीजिये.

यह सल्फर युक्त पदार्थ गंठे (प्याज) की ऊपरी परतों में सबसे ज्यादा होता है तथा बीच में नाम मात्र का होता है। Wageningen विश्वविद्यालय, नीदरलैंड्स की खोज के अनुसार गंठे (प्याज) के बीच में पाये जाने वाला quercetin बहुत ही प्रभावी ऐंटिऑक्सिडेंट है जो कि जवानी को बरकरार रखता है तथा विटामिन ई का मुख्य स्त्रोत है। वैसे तो यह पदार्थ चाय व सेब में भी पाया जाता है लेकिन गंठे (प्याज) के बीच में पाया जाने वाला पदार्थ चाय के पदार्थ से दो गुणा व सेब में पाये जाने वाले इसी पदार्थ से तीन गुणा जल्दी हजम होता है। 100 ग्राम गंठे (प्याज) में यह 22.40 से 51.82 मिलीग्राम तक होता है।

डाॅ. पीयूष त्रिवेदी
आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी, राजस्थान विधान सभा जयपुर।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article