जयपुर। जयपुर ज़िले की डूँगरी कला पंचायत के गाँव सांगाका बास जैन मन्दिर में सोमवार 27 नवम्बर को मूल नायक जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर श्री 1008 सम्भव नाथ भगवान का जन्म कल्याणक भक्ति भाव व श्रद्धा के साथ मनाया गया। श्रावकों ने भगवान का अभिषेक कर विश्व शांति हेतु शांतिधारा की । शांति धारा का सोभाग्य केवल चंद, दुलीचंद ,राज कुमार ,पदम जैन बिलाला व मास्टर आदित बिलाला जयपुर को मिला। इसके बाद संभव नाथ भगवान की अष्ट द्रव्य से पूजन करके जयकारों के साथ जन्म कल्याण का अर्घ्य श्रीफल के साथ समर्पित किया गया “संभव जिन के चरन चरचतें, सब आकुलता मिट जावे”।
“निज निधि ज्ञान दरश सुख वीरज, निराबाध भविजन पावे” मन्दिर समिति के अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि छोटे से गाँव सांगाके बास के अतिशय कारी सम्भव नाथ का मंदिर क़रीब पाँच सो वर्ष पुराना बताते है तथा कहावत है कि :- “हर असम्भव हो सम्भव ,आयें सांगा का बास” “,सम्भव के दर्शन से ,पूर्ण हो सब के मन की आस” आज के कार्यक्रम में जयपुर जोबनेर चोमू कालाडेरा डूँगरी किशनगढ़ रेनवाल चारणवास आदि स्थानो से पधारे सम्भव भक्त पुष्पा बिलाला ,विमला बिलाला ,माल चंद ,ज्ञान चंद ,हीरा लाल ,मधु ,आशा ,रेखा रजनी बोहरा ,वीरेंद्र बोहरा , ओमप्रकाश , आदि थे। अभिषेक पूजा का कार्य प. विरेंद्र ने सानंद सम्पन्न कराया । कार्यक्रम भगवान सम्भव नाथ की मंगल आरती के साथ सम्पन्न हुआ।