- खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वर की निश्रा में हुआ तप
- 150 तपस्वियों में केवल 2 बालक रहे शामिल
- जयपुर के अलावा बाड़मेर निवासी 11 वर्षीय बालक का तप भी पूर्ण
- वर्धमान शक्रत्सव महामहोत्सव का किया आयोजन
जयपुर। अवंति तीर्थोद्धारक, खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभ सूरीश्वर जी मा.सा. के चेन्नई चतुर्मास के दौरान जयपुर के 8 वर्षीय बालक संघवी मनन सिद्धार्थ बेंगाणी ने 51 दिन का उपधान तप सफलता पूर्वक सम्पन्न कर एक कीर्तिमान बनाया है। रविवार को इस तप की सफलता की अनुमोदना के लिए आदर्शनगर स्थित मुलतान मंदिर और दादाबाड़ी में वर्धमान शक्रत्सव महामहोत्सव का आयोजन किया गया। इस महामहोत्सव को संबोधित करते हुए साध्वी परम पूज्या अक्षयनिधि जी मा.सा. ने उपधान तप की महिमा और साधक की ओर से की जाने वाली क्रियाओं की विस्तार से जानकारी दी। साध्वी अक्षयनिधि जी मा.सा. ने बताया कि 51 दिन चलने वाले इस तप में साधक को साधु जीवनचर्या को अपनाना पड़ता है, जिसमें साधक तड़के 3.30 बजे निद्रा त्याग कर चार बजे से साधना में तल्लीन हो जाते हैं और दिन भर साधु वस्त्रों में रहने के अलावा साधनारत रहते हैं। तप की अवधि के दौरान साधक को निरंतर एक दिन उपवास और एक दिन एकासन करना होता है, जो व्यस्क आयु के साधकों के लिए भी काफी कठिन है। ऐसे में जयपुर के महज आठ वर्षीय आयु के बाल तपस्वी संघवी मनन सिद्धार्थ बेंगाणी ने इस तप को पूर्ण कर धर्म की अभूतपूर्व प्रभावना की है। मुलतान मंदिर और दादाबाड़ी में आयोजित वर्धमान शक्रत्सव महामहोत्सव में विधि विधान के लिए मुम्बई से अहमदाबाद से भी साधक मौजूद रहे और उन्होंने अतिविशिष्ठ सामग्री से परमात्मा का अभिषेक किया। कार्यक्रम के बाद बाल तपस्वी मनन के पिता सिद्धार्थ बेंगाणी ने बताया कि उनके परिवार में उपधान तप मनन के दादाजी और दादीजी सुरेश कुमार व मंजुलारानी बेंगाणी पूर्व में सफलता पूर्वक कर चुके हैं, संभवत: उनसे प्रेरित हो कर मनन ने यह तप करने का निश्चस किया।