मनीष विद्यार्थी/शाहगढ। नगर में बन रहे सादपुर वालों का सातवां जिनालय का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव 10 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आयोजित होगा। जिसके वेदिका शिलान्यास एवं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रमुख पात्रों का चयन बी एस जैन कंपाउंड में किया गया। परम पूज्य आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के परम प्रभाकर शिष्य उपाध्याय श्री विरंजन सागर जी महाराज के मंगल सान्निध्य में पं. मनोज शास्त्री बागरोही के निर्देशन में विधि विधान पूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें महोत्सव के महत्वपूर्ण पात्रों में माता -पिता बनने का सौभाग्य सुरेश जैन, सौधर्म इंद्र पूनम संतोष जैन सातपुर वाले सागर ,धनपति कुबेर कुंदन लाल भूपेंद्र सादपुर, महायज्ञ नायक दामोदर हर्ष सेठ, यज्ञ नायक महेश सादपुर, भरत चक्रवर्ती दीपचंद खुटकुवा, बाहुबली दिनेश जैन सादपुर, ईशान इंद्र सौरभ संदीप सेठ, सनत इंद्र दयाचंद सुरेश सादपुर, महेंद्र भागचंद सुधीर संदीप सेठ,पात्रों का चयन किए गये।
परम पूज्य जनसंत उपाध्याय श्री विरंजन सागर महाराज ने पंचकल्याणक की महिमा बताते हुए कहा कि पाषाण से भगवान बनाने की मांगलिक क्रिया में जहां अपूर्व धर्म की प्रभावना होती है। वहीं प्रमुख पात्र बनकर धर्मात्मा असीम पुण्य का संचय करते हैं। व्यक्ति का जन्म एक मां की कोख से दूसरा जिनवाणी मां से होता है, पंचकल्याणक में पासाण से भगवान नहीं एक इंसान को भगवान बनाने की क्रियाओं से गुजरना पड़ता है, भगवान के गर्भ में आने के 6 माह पहले से ही रत्नों की वर्षा होने लगती है इसी तरह शाहगढ़ में होने जा रहे पंच कल्याणक महोत्सव के 6 माह पहले से ही सादपुर मंदिर कमेटी द्वारा पंच कल्याणक महोत्सव की भूमिका बनाई जाने लगी थी जहां पर भगवान के पंच कल्याणक की क्रियाएं होना है आज उस वेदिका का शिलान्यास हुआ , इस भूमि का पुण्य का उदय है यहां पर भगवान के पांच कल्याणक होने जा रहे हैं, पुण्यआत्मा जीव जिनेंद्र भगवान के पंच कल्याणक महोत्सव को देखकर उत्साहित होता है, सौधर्म इंद्र एक बार में 170 पंच कल्याणक करवाता है, धर्मसभा में चयनित पात्रों का सकल दिगंबर जैन समाज ने सम्मान करते हुए पुण्य की अनुमोदना की।
बीएस कालोनी में रखी गई होने वाले पंच कल्याणक महोत्सव की वेदिका की मुख्य आधार शिला गुलाब संधेलिया हीरापुर वालों द्वारा रखी गईकी । जैन समाज की ओर से सामूहिक वार्षिक वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या महिलाएं पुरुष बच्चे उपस्थित रहे।