पुण्यार्जक चक्रेश कुमार जैन परिवार को मिली आचार्य श्री की पिच्छी
जयपुर। स्थानीय बरकत नगर की निरन्तरता के क्रम में चौदवे पुण्य वर्धक वर्षायोग 2023 के अन्तर्गत गणाधिपति गणाचार्य श्री कुन्थू सागर जी महाराज से आचार्य पद गृहण कर्ता एवं आचार्य श्री सिद्धान्त सागर जी महाराज से दीक्षित तथा प्राचीन ऋषभदेव तीर्थ क्षेत्र उद्धारक युवा आचार्य श्री नवीननंदी जी महाराज वर्षायोग हेतु प्रवास कर रहे हैं। वर्षायोग विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक कार्यकृमों के साथ सम्पन्न हो रहा हैं। इस बार विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं कि आचार्य श्री की 108 विधान करने की भावना स्वरूप यहाँ लगभग 80 विधान सम्पन्न किए जा चुके हैं। वर्षायोग के धार्मिक एवं सांस्कृतिक संयोजक सतीश जैन अकेला के अनुसार दिनांक 3 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक णमोकार भवन में वृहद तीन लोक महामण्डल विधान का आयोजन किया गया जिसमें मुनिराज के मार्ग दर्शन में पन्द्रह हजार श्री फल अर्घ के साथ समर्पित किए गए। समापन के अवसर पर आज प्रातः अभिषेक ‘ शान्तिधारा व नित्य नियम पूजा तथा हवन पं नरेन्द्र कुमार जैन के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। पश्चात बरकत नगर के इतिहास में प्रथम बार श्री जी ने पालकी में विराजित होकर नगर परिक्रमा की ‘ इस भव्य शोभा यात्रा में बेन्ड बाजों के साथ बडी संख्या में महिलाओं व पुरुषों ने सहभागिता निभाई शोभा यात्रा के मार्ग में जगह जगह श्रावकों द्वारा श्रीजी की आरती उतारी गई वापस णमोकार भवन पहुंच कर यात्रा का समापन हुआ तथा पुण्यार्जक परिवार श्रीमती चेतना – चक्रेश कुमार जैन के सौजन्य से यहाँ सभी सकल समाजजनो ने वात्सल्य भोज का रसास्वादन किया। यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व आचार्य श्री द्वारा समाज के समक्ष मंदिर प्रबन्ध समिति एवं वर्षायोग समिति के यशस्वी अध्यक्ष. समर्पित व्यक्तिव ‘ परम मुनि भक्त हंसमुख चक्रेश कुमार जैन को उनकी सार्थक सेवाओं के परिणाम स्वरूप श्रावक रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया था विशेष रूप से आज के मुख्य कार्यक्रमो में आचार्य श्री का पिच्छी परिवर्तन बहुत ही आकर्षक चित्ताकर्षक रूप से सम्पन्न कराया गया आचार्य श्री की पिच्छी गृहण करने का पुण्यार्जन इस बार भी चक्रेश कुमार जैन को प्राप्त हुआ इससे पूर्व मुनिराज को नवीन पिच्छी विधान के मुख्य इन्द्र पूजार्थियों द्वारा भेंट की गई तथा शास्त्र भेंट का अवसर मंदिर प्रबन्ध समिति व अरिहन्त महिला मण्डल को प्राप्त हुआ। आज पूज्य श्री के पाद प्रक्षालन यथेष्ट ‘ एवांशी ‘ चिन्मय जैन के साथ उद्घोषक सौरभ जैन ने करके अपने जीवन को धन्य किया। शास्त्र भेंट की क्रिया अरिहन्त महिला मण्डल. बाहर से पधारे हुए गणमान्य अतिथियो द्वारा सम्पन्न कराई गई। इस बार विशेष आकर्षक रूप से पिच्छी की सजावट श्रीमती शुभि जैन चित्रा बुटीक महेश नगर द्वारा की गई। इस सुन्दर कार्य निष्पादन के लिए मुनिराज का विशेष आशीर्वाद व समाज की सराहना उन्हें प्राप्त हुई।