शाम 6.30 बजे दिव्यांगों द्वारा भव्य प्रस्तुति
जयपुर। भट्टारक जी की नसिया में चल रहे 256 स्वतंत्र महामंडलीय श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान के अंतर्गत शनिवार से दो दिवसीय आचार्य सौरभ सागर महाराज का 53 वां अवतरण दिवस समारोह मनाया जायेगा, इस आयोजन में जयपुर सहित दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ, हिसार, गुरुग्राम, हिसार, फरीदाबाद, आगरा, ग्वालियर, जसपुर, इंदौर, भोपाल, कोटा, भरतपुर, टोंक, दौसा इत्यादि विभिन्न शहरों और विदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण सम्मिलित होगे। शनिवार को प्रथम दिन मुख्य आयोजन जीवन आशा हॉस्पिटल से निशुल्क इलाज प्राप्त करने वाले दिव्यांगो द्वारा भव्य प्रस्तुति का आयोजन इंडियास गोट टेलेंट और आमेरिका गोट टेलेंट की तरफ से शाम 6.30 बजे से आयोजित किया जाएगा। गौरवाध्यक्ष राजीव जैन गाजियाबाद वालों ने बताया की आचार्य श्री का 53 वां अवतरण दिवस समारोह रविवार को मनाया जायेगा। इस आयोजन की शुरुवात प्रातः 6.30 बजे श्रीजी के कलशाभिषेक और शांतिधारा के साथ होगी। इसमें मुख्य रूप से 53 श्रद्धालुओं द्वारा वृहद शांतिधारा की जाएगी और जिनेन्द्र प्रभु से आचार्य श्री की मंगलकामना की प्रार्थना की जाएगी। इसके पश्चात विधान पूजन प्रारंभ होगा। पूजन के दौरान अवतरण दिवस समारोह मनाया जायेगा। इस दौरान निर्धन और जरूरतमंद बच्चों को भोजन करवाया जायेगा, वस्त्र बांटे जाएंगे, कार्यक्रम स्थल पर 53 श्रद्धालु परिवार शास्त्र भेंट करेंगे सहित मंगलाचरण, चित्र अनावरण, दीप प्रवज्जलन, बालक और बालिकाओं द्वारा धार्मिक नृत्य प्रस्तुत किए जायेंगे। सौरभ सागर सेवा समिति और जीवन आशा हॉस्पिटल समिति द्वारा 500 से अधिक ट्रस्टीयों की संगोष्ठी का आयोजन होने के साथ 5300 दीपों से आचार्य सौरभ सागर महाराज की मंगल आरती का आयोजन सहित संध्याकालीन सत्र में शाम 6 बजे से सांस्कृतिक एवं भजन – भक्ति सहित एक शाम गुरुवर के नाम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन होगा। रविवार के आयोजन में शहर की विभिन्न कॉलोनियों से बस व्यवस्था का आयोजन भी रखा है, करीबन 100 से अधिक बसों के माध्यम से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और आचार्य श्री का अवतरण दिवस मनाएंगे। अध्यक्ष आलोक जैन तिजारिया ने बताया की आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य और पंडित संदीप जैन सजल के निर्देशन में शुक्रवार को प्रातः 6.30 बजे श्रीजी की जिन बिम्ब प्रतिमाओं का स्वर्ण एवं रजत कलशों से कल्षाभिषेक किए गए एवं विश्व में शांति की कामना के साथ आचार्य श्री के मुखारविंद वृहद शांतिधारा की गई। इसके पश्चात नित्य नियम पूजन कर विधान पूजन प्रारंभ किया गया और भजन, भक्ति और जयकारों के गुणगान के साथ शुक्रवार को कुल 128 अर्घ चढ़ाए गए। कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण बोर्ड, राजस्थान सरकार की अध्यक्षा अर्चना शर्मा, जोहरी बाजार महिला मंडल अध्यक्ष डॉ शीला जैन, मंत्री पुष्पा सोगानी सहित विभिन्न गणमान्य श्रेष्ठियों ने भी भाग लिया और गुरुदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रातः 8.30 बजे आचार्य श्री ने धर्म सभा को संबोधित किया और शाम 6 बजे से श्रीजी की आरती, आचार्य सौरभ सागर महाराज की आरती के पश्चात आचार्य श्री के सानिध्य में शंका समाधान और आनंद यात्रा का आयोजन संपन्न हुआ।
सभी प्रकार के कष्टों का निवारक है सिद्धचक्र विधान: आचार्य सौरभ सागर
अपने संबोधन में शुक्रवार को आचार्य श्री ने कहा कि “सिद्धचक्र विधान में कई विधानों का समावेश है जिसके अंतर्गत विधान में पांचवी पूजा की गई और पांचवी पूजन कषाय निग्रह, शांति विधान के रूप में की जाती है। जिसमें कर्मों के आने के 108 द्वारों को जिनके द्वारा आत्मा भव भव में भटक रही है उन द्वारों से शांति मिले जिसमें क्रोध, मान, माया, लोभ के साथ मन, वचन, काय करने वाला, कराने वाला एवं उनकी अनुमोदना करने वाला सभी से शांति की कामना की जाती है।” पूज्य आचार्यश्री ने कहा कि “सिद्धचक्र विधान की आराधना जब मैना सुंदरी ने की और सिद्धों का ध्यान करते हुए पवित्र गंधोदक जब उसने अपने पति श्रीपाल सहित 700 कोढ़ीयों के तन पर छिड़का तब उनका भयंकर कोड रोग भी शांत हो गया।”