Friday, November 22, 2024

हम भी देख सकते भगवान को पर इसके लिए करनी होगी मीरा जैसी भक्ति- ठाकुर

भगवान को लेकर सारे संशय का निवारण भागवत कथा श्रवण से

शांतिदूत पं. श्रीदेवकीनंदन ठाकुरजी महाराज के मुखारबिंद से श्रीमद् भागवत कथा का पांचवा दिन

भीलवाड़ा । सुनील पाटनी । भगवान के बारे में जानने का प्रयास करेंगे तो अवश्य ये जान जाएंगे कि हम भी भगवान को देख सकते है लेकिन उसके लिए अपनी भक्ति को मीरा के स्तर पर पहुंचाना होगा। जिसने भी भगवान को जानने का प्रयास किया वह उसे अवश्य मिले है। भगवान को धु्रव, प्रहलाद, विभीषण ने देखा तो कलयुग में मीराबाई, सूरदास, नरसी और तुलसीदास ने भी भगवान को देखा है। कुसंस्कारी की संगत में रहने वाले ही बोलते है मैं भगवान को नहीं मानता। आत्मा को किसने देखा फिर भी उसका अस्तित्व सभी को मानना पड़ता है। ये विचार परम पूज्य शांतिदूत पं. श्रीदेवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने रविवार दोपहर हनुमान टेकरी काठियाबाबा आश्रम में श्री टेकरी के हनुमानजी भागवत कथा समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव के पांचवें दिन हजारों श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए व्यक्त किए।मंच पर कथा के प्रेरणास्रोत हनुमान टेकरी के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में कथावाचक श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज श्रद्धालुओं को कृष्ण की बाल लीला सहित विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से भागवत श्रवण का महत्व समझाते रहे। उन्होंने कहा कि मनुष्य इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करें तो परमात्मा इसी जन्म में प्राप्त हो सकते है। भगवान को लेकर सारे संशय का निवारण भागवत कथा श्रवण से हो जाता है। मन के सारे प्रश्नों व संशयों का उत्तर इस कथा में मिलता है। भगवान को मानने और उसका बन जाने वालों को कोई बंधन परेशान नहीं करता। महाराजश्री ने कहा कि भगवान का होने के बाद जीव को कोई दुःख नहीं सता सकता। ईश्वर चाहे तो सब कुछ संभव है, बंधन उन्हीं को महसूस होते जो भगवान के नहीं बनते। ईश्वरीय सत्ता परम प्रबल है जो चाहे हो सकता बस विश्वास करना होगा। व्यक्ति जब भगवान और मौत को भूल जाता है तभी पाप करता है। मुक्ति पाने का मार्ग सत्संग है। ये दो बाते मत भूलों एक भगवान और दूसरा मौत निश्चित है। हमारा ह्दय निर्मल होने पर ही भगवान से सम्बन्ध कायम होंगे। जो भगवान जहर पिलाने वाली पूतना को मुक्ति दे सकते है वह हमारा भी कल्याण करेंगे लेकिन इसके लिए भगवान से सच्ची प्रीति करनी होगी। उससे नाता जोड़ने पर गोविन्द के पास चले जाएंगे इसमें कोई संशय नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सनातन संस्कृति का आधार है और ये देश हिदूं राष्ट्र होने पर ही सभी सुखी रह पाएंगे। कथा के दौरान मंच पर हनुमान टेकरी महंत बनवारीशरण काठियाबाबा, 1008 महामंडलेश्वर हरिप्रिया काठियाबाबा, महंत संत रामदासजी त्यागी टीकमगढ़, संत गोपालदासजी काठियाबाबा झांसी, संत राधारमणजी काठियाबाबा, संत सालगरामजी काठियाबाबा, संत केशवशरणजी काठियाबाबा, संत रामदासजी समोड़ी, संत मधुसूदन, साध्वी पदमाजी का भी सानिध्य रहा। आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी राजेश तोषनीवाल ने बताया कि विशिष्ट अतिथि विधायक माण्डलगढ़ विधायक गोपाल खण्डेलवाल, एडीएम प्रशासन राजेश गोयल, ओएसडी यूआईटी रजनी माधीवाल, नगर परिषद आयुक्त दुर्गाकुमारी जाट, आरयूडीआईपी के अधीक्षण अभियन्ता सूर्यप्रकाश संचेती, पार्षद शिवलाल जाट का व्यास पीठ पर विराजित देवकीनंदनजी ठाकुर एवं महंत बनवारीशरण काठियाबाबा ने दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया। अजय काबरा, शशिकुमार गर्ग, नरेन्द्र सोनी, मयंक कोठारी, राजेश तोषनीवाल दिनेश जाट, राहुल जाट एवं कैलाश सालवी का भी आयोजन समिति की ओर से दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया गया। व्यास पीठ की आरती करने वाले यजमानों में श्यामसुंदर नौलखा, कैलाश कोठारी, केदार जागेटिया, श्याम डाड, हेमेन्द्र शर्मा, प्रहलाद आशीष पोरवाल, राकेश दरक, बालमुकंद सोनी, रमेश दिलीप काष्ट, राजकमल अजमेरा, मनीष सोनी, गोपाल जाजू, संजय गुप्ता, राहुल गग्गड़, अजय काबरा, अर्चित मूंदड़ा, संजय लाहोटी, संदीप पोरवाल, पंकज नागौरी आदि शामिल थे। टेकरी बालाजी पर यजमानों की मंडल पूजा नगर व्यास राजेन्द्र व्यास ने कराई। इस भव्य भक्तिमय आयोजन की मंच व्यवस्था संभालने में आयोजन समिति के अध्यक्ष राधेश्याम चेचाणी, कैलाश कोठारी, राजेन्द्र कचोलिया, कैलाश काबरा, सत्यनारायण मूंदड़ा,राहुल डाड, छीतरमल बाहेती, कैलाश भदादा आदि सक्रिय रहे। महंत बनवारीशरण काठियाबाबा, राघेश्याम चेचानी, तेजसिंह पुरावत, श्साम नौलखा, आशीष पोरवाल सहित आयोजन समिति का छोटी हरणी में भागवत कथा श्रवण कराने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने सम्मान किया। आयोजन समिति के पंकज पोरवाल ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन सोमवार को कृष्ण विवाह का आयोजन होगा। बैंडबाजों के साथ कृष्ण की बारात आएगी। श्री टेकरी के हनुमानजी भागवत कथा समिति के तत्वावधान में 11 अक्टूबर तक प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।

गिरिराजजी को लगाया छप्पन भोग,गूंज उठे जयकारे

श्रीमद् भागवत कथा पांडाल शाम को उस समय गिरिराज धरण के जयकारों से गूंज उठा जब भगवान गिरिराज को छप्पन भोग लगाया गया। हनुमान टेकरी महंत बनवारीशरण काठियाबाबा ने भगवान को छप्पन भोग लगाया। गिरिराज भगवान का रूप विट्ठल काष्ट ने धारण किया। छप्पन भोग की सजाई गई झांकी के दर्शन करने के लिए भक्तगण आतुर रहे। छप्पन भोग लगाने के दौरान पांडाल में निरन्तर जयकारे गूंजते रहे और हर तरफ भक्ति से ओतप्रोत माहौल दिखा।

भीलवाड़ा को बना देंगे वृन्दावन, हर वर्ष कथा करने की इच्छा

व्यास पीठ से कथा के दौरान कथावाचक पं. देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि दो दिन बाद कथा की पूर्णाहुति हो जाएगी लेकिन उनका मन भीलवाड़ा के पवित्र कथास्थल को छोड़ने का नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि कथा प्रेरणास्रोत महंत बनवारीशरणजी काठियाबाबा कह रहे थे ये स्थान आपका ही है। ठाकुर ने कहा कि हमारी इच्छा है कि राजस्थान में भी उनकी समिति कार्य करें हर वर्ष एक बार ऐसा आयोजन हो जो बच्चों को अपनी सभ्यता व संस्कृति से जोड़े रखे। उन्होंने कहा कि मुझे 11 ऐसे लोग चाहिए जो इस कार्य के लिए सर्वस्व अर्पित करने को तैयार हो हर वर्ष सात दिन भीलवाड़ा को वृन्दावन बनाने की जिम्मेदारी लेता हूं। इस कार्य में छोटी-छोटी सभी भक्तजन दे सकते है।

जिस घर में भ्रूण हत्या वहां नहीं हो सकती शांति

पं. देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने भ्रूण हत्या नहीं करने का संदेश देते हुए कहा कि जिस घर में ऐसा पाप होता हो वहां कभी शांति नहीं हो सकती। जो स्त्री अपने भ्रूण या बच्चें को मारना चाहे उसका मुख नहीं देखना चाहिए। जिसने दुनिया का मुख नहीं देखा उसे मारना चाहते है। भ्रूण हत्या, शिशु हत्या ब्रह्म हत्या से भी बड़ा अपराध है।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article