Saturday, September 21, 2024

दसलक्षण पर्व के अंतर्गत श्रद्धालुओं ने मनाया “उत्तम तप धर्म”

पतन से उत्थान की ओर बढ़ने का नाम उत्तम तप धर्म: आचार्य सौरभ सागर

जयपुर। सोमवार को जैन मंदिरों में दसलक्षण पर्व के सातवें दिन ” उत्तम तप धर्म ” मनाया गया। इस दौरान प्रताप नगर सेक्टर 8 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य एवं पं संदीप जैन सेजल के निर्देशन में प्रातः 6.15 बजे मूलनायक शांतिनाथ भगवान का स्वर्ण एवं रजत कलशों कलशाभिषेक किया गया, इसके पश्चात भव्य वृहद शांतिधारा कर भजन, भक्ति और गीत, संगीत के साथ मंत्रोच्चारण कर अष्ट द्रव्यों के साथ दसलक्षण पर्व पूजन और उत्तम तप धर्म का पूजन किया गया। इस बीच प्रातः 8.30 बजे आचार्य सौरभ सागर महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अपने आशीर्वचनों में कहा कि “कर्मों के क्षय करने के लिए साधना करना तपस्या है। मन की इच्छाओं, आकांक्षाओं को जला देना तपस्या है, विषय भोगों के प्रति उदासीन होने का नाम तपस्या है। पतन से उत्थान की ओर बढ़ने का नाम ” उत्तम तप धर्म ” है। जब आत्मा में संयम का जागरण होता है तभी व्यक्ति तपस्या को अंगीकार करता है। संसार की समस्त आत्मा-परमात्मा तपस्या के अभाव में शरीर और आत्मा पृथक नहीं होती, आत्मा की उपलब्धि नहीं होती। आचार्य श्री ने “तप” का महत्व बताते हुए कहा कि “घर में किया जाने वाला तप लौकिक तप है और आत्मा को लक्ष्य रखकर किया जाने वाला तप आध्यात्मिक, अलौकिक तप है। संसार शरीर भोगों से विरक्त होकर आत्मा से सम्बन्ध बनाना ही सम्यक् तप है। जब पथिक मंजिल की प्राप्ति का संकल्प ले लेता है तब वह मार्ग के अवरोधों को नहीं देखता और आगे बढ़ जाता है। उसी प्रकार जो मोक्ष मंजिल को अपना लक्ष्य बना लेते है, वे उपसर्ग आदि को नहीं देखते और आगे बढ़ने लग जाते है। तपस्या अंतरंग एवं बहिरंग दो प्रकार की होती है। वर्षायोग समिति अध्यक्ष कमलेश जैन और मंत्री महेंद्र जैन ने बताया की दसलक्षण पर्व के अवसर पर संध्याकालीन में भगवान शांतिनाथ स्वामी और आचार्य सौरभ सागर महाराज की भक्ति के साथ महमंगल आरती का आयोजन किया गया, इसके उपरांत पं संदीप जैन सेजल द्वारा शास्त्र प्रवचन किए गए। रात्रि 8 बजे से समिति द्वारा “खुल जा सिम सिम” पर आधारित भव्य प्रश्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसके दीप प्रवज्जलान कर्ता प्रकाशचंद, सिद्धार्थ पाटनी कोटा वालो द्वारा किया गया और समाजसेवी रामगोपाल जैन पिपल्या वालों का मुख्य अतिथि स्वरूप सानिध्य प्राप्त हुआ। इस आयोजन में विशुद्ध वर्धनी, बालिका मंडल, युवा मंडल, महिला मंडल, समाज समिति, बहु मंडल और वर्षायोग समिति के पदाधिकारियों सहित प्रताप नगर और जयपुर जैन समाज के सैकड़ों परिवारों ने भाग लेकर सांस्कृतिक आयोजन में भाग लिया और धर्म प्रभावना की। शनिवार को दसलक्षण पर्व का आंठवा दिन रहेगा और उत्तम त्याग धर्म पर्व मनाया जायेगा। मंगलवार से तीन दिन के तेला उपवास (झर के तेले) भी प्रारंभ होगे। साथ ही शाम को बच्चों की धार्मिक फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा और आचार्य श्री के प्रातः 8.30 बजे मंगल प्रवचन संपन्न होगे।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article