आपका पेट साफ न होना. एक बार जाने के बाद एक दम रिलीफ महसूस होती होगी पर घंटे आध घंटे में फिर जाना, फिर एक घंटे बाद वही होता है.
आपको हो सकता है अमिबायसिस बैक्टीरिया आँतों में हो . आपको सर्वोत्तम इलाज इस रोग का एक क्वलिफाइड डाक्टर MBBS.MD(Medicine) बिलकुल एक सप्ताह में कर देगा . आपको कोई लंबे मँहगे इलाज की आवश्यकता नहीं है. हाँ आप पूरी तसल्ली के लिये डाक्टर से स्वंय कहें कि मैं अपने मल (stool) का कल्चर टैस्ट कराना चाहता हूँ . करवाऐंगे तो रोग की पूरी स्थिति का पता चल जाऐगा यह कुछ ₹7/8 सौ के आसपास होगा और 3/4 दिन में रिपोर्ट मिलेगी . इससे आपकी आँतो में कौन सा बैक्टीरियल इंन्फेक्शन है व कितना डिवैलप बैक्टीरिया है और कौन सी दवा से ठीक होगा यह डाक्टर एकदम सही सटीक पहचान पाऐंगे . और आपको 5 दिन की गोली दवा जो ₹300/- अधिकतम की होंगी वो बिना बीच में रूके सुबह शाम खाने से पूर्ण आराम होगा .
आप अभी से और ठीक होने के बाद कुछ आदतें जीवनभर के लिऐ अपनाएं
1)भोजन से पहले हाथ साबुन से बहुत रगड़ कर धोऐं , हर बार खाने से पहले… हमारे पेट में हम स्वंय ही अपने अस्वच्छ हाथों में लगे करोडों अदृश्य जीवाणु हाथों से मुँह में ले जाते हैं व बाकी अस्वच्छ पानी से व अशुद्ध बासे भोजन , खुले स्थानों पर नालों के पास व धूल भरे वातावरण में ढाबों का खाना ,जहाँ आसपास मक्खियां, ट्राफिक के कारण उड़ती धूल मिट्टी में बहुत आसानी से बैक्टीरिया बढ़ी मात्रा में होते ही होते हैं . अच्छी तरह साबुन से न धुले मांजे हुऐ बर्तनों से ,कुछ बैक्टीरिया बिना ढंके धूल मिट्टी वाले भोज्यपदार्थों से . कुल मिलाकर सब यही कहानी है बारम्बार पेट खराब होने के मुख्य कारण भी यही हैं . सड़क पर खुले जूस बेचनेवाले यह अपने बर्तन गिलास पूर्ण तरह से साबुन पानी से नहीं साफ करते और हम अनजाने ही रूपये देकर भी खरीदते हैं पेट की बीमारी.
2) पीने का पानी की शुद्धता निश्चित करें रोज 4 लिटर पानी उबालकर ठंडा कर साथ रखे जहां काम ड्यूटी पर जाऐं 1 – 2 लिटर साथ लेकर जाऐं वही पीऐं इधर उधर कहीं भी अस्वच्छ हाथों या गिलास से पानी न पीऐं . बोतल बंद पानी स्वच्छता की गारंटी नहीं है और इस पर ₹40/- रोज़ खर्चने से अच्छा है कि इस तरीक़े (पानी उबालकर) को अपनाऐं फ्रिज के ठंडे अस्वस्थ पानी का लालच छोड़ें ,साफ पानी ,साफ गिलास का लालच जरूरी है यह इतना ही आवश्यक है लाभकारी है जितना बादाम अखरोट काजू किशमिश खाना .
एक ही बार की लापरवाही से पेट मरोड़ बैक्टीरियल अटैक बार बार टायलेट जाना ,कई बार तो पीड़ा झेलना और कमजोरी , बारम्बार शौच पतले पानी जैसे मल करने से अत्यधिक मात्रा में शरीर से पानी निकलने पर हास्पिटलाइजेशन व ग्लुकोज चढा़ने की आवश्यकता पड़ सकती है इससे शरीर से सब खनिज पदार्थ निकल जाते हैं गुर्दों को पानी कम होने से होने वाले खतरे अलग हैं जो बहुत मँहगा पड़ सकता है व महीनो कमजोरी वहन करना/काम ड्यूटी से लंबी छुट्टी अलग अब आप ही बताऐं एक छोटी सी लापरवाही हमारा कितना नुक्सान कर सकती है अतः लापरवाही न करें
3) बाहर का खाना कहीं से भी अभी तो एकदम बंद कर दें और तेल व घी तला हुआ चिकनाई युक्त खाना भी न लें .
4) अभी 3 – 4 महीनों तक हल्का खाना खाऐं और कच्चा खाना ,सलाद खीरा प्याज़ टमाटर न खाऐं (वर्षा ऋतु में कच्चा खाने में बैक्टीरिया जल्दी पनपता है) और इसे हजम करना इस समय आपको पेट खराब कर सकता है.
आपके कुल डाक्टरी इलाज फीस , टैस्ट, व दवा में लगभग रू1800/- या दो हजार का खर्च अधिकतम होगा पर यह गार्ंटी है कि आप इस इलाज व हमारे बताऐ परहेज़ से पूर्ण स्वस्थ होंगे और जल्दी होंगें . एक बात और : बैद्धयनाथ आयुर्वेदिक गोली (25 गोली) नाम : अमीबिका वटी है ₹150/- प्रति 25 गोली ( पहले वैद्धाचार्य से राय भी ले सकते हैं )यह गोली आप ठीक होने के बाद इसलिए ले सकते हैं कि यह रोग आपको दोबारा न हो यह बहुत कामयाब और प्रमाणित दवा है । पहले दो दिन सुबह शाम 1 – 1 गोली और फिर रोज 1 गोली खाऐं लगातार 20/21 दिन रोज़ एक गोली लें . और वर्षा ऋतु यानि जुलाई अगस्त व बदलते मौसम यानि सर्दी जा रही हो तब फिर से अमीबिका वटी***
का कोर्स लें इन दो समय में ,पेट में और तापमान में परिवर्तन से भी रोग पनपता है . कहते हैं वहम नहीं करना चाहिए ,ठीक है पर सावधानी , व सफाई के प्रति जागरूकता तो अपने लिये प्रथम प्राथमिकता क्यों न हो जब मामला स्वास्थ्य का है तो यहां कुछ वहम भी करना पड़ेगा नहीं तो सहन करना पड़ेगा बचाव में ही बचाव है दिल/पेट का मामला है कुछ तो करो वहम . फिर गारंटी है आप जीवनभर इस रोग से मुक्त रहेंगें. धन्यवाद……. एक रिक्वेस्ट/अनुरोध आप पढ़ने वालो सें
जिस किसी पाठक को भी इस स्टूल टैस्ट और हमारे कहे अनुसार डाक्टरी इलाज/ आयुर्वेदिक दवा (ऊपर लिखी हुई )करवा कर व अन्य साफ सफाई के तरीकों से लाभ मिला हो कृपया टिप्पणी करें इस तरह आपके सहयोग से हमें व हजारों अन्य अज्ञानता वश परेशानी झेल रहे व्यक्तियों को आगे सस्ते व सही इलाज का रास्ता मिलता है .अतः याद करके कुछ इस बारे में प्रकाश डालें इससे हमें और आगे लिखने का साहस व सही गलत का ज्ञान भी मिलता है, प्रोत्साहन भी. आप सबका फिर से धन्यवाद.
डाॅ. पीयूष त्रिवेदी, एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ