आज मनायेंगे वीतराग धर्म का उत्तम आर्जव लक्षण एवं जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस
जयपुर। दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों के चल रहे दशलक्षण महापर्व में दूसरे दिन वीतराग धर्म का दूसरा लक्षण उत्तम मार्दव भक्ति भाव से मनाया गया। इस मौके पर शहर के दिगम्बर जैन मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठे। राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि दिगम्बर जैन मंदिरों में प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म की विधान मंडल पर अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की गई। चातुर्मास स्थलों पर संतो एवं विद्वानों ने उत्तम मार्दव पर प्रवचन दिया। जिसमें बताया गया कि ‘मानमहा विषरुप, करहि नीच गति जगत में। कोमल सुधा अनूप, सुख पावे प्रानी सदा।। उत्तम मार्दव गुनमन माना, मानकरन कौ कौन ठिकाना।बस्यो निगोद माहि तै आया, दमरी रुंकन भाग बिकाया।।’ ‘अर्थात मान एवं घमण्ड बहुत ही तेज विष है, जो मनुष्य को नीच गति में ले जाता है। अत:मनुष्य को अपने जीवन में कभी भी मान व घमण्ड नही करना चाहिए। सायंकाल आरती एवं प्रतिक्रमण के बाद सांस्कृतिक आयोजन हुए। जैन के मुताबिक प्रतापनगर के सैक्टर 8 स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में उत्तम मार्दव धर्म मनाया गया। इस मौके पर अपने प्रवचन में आचार्य श्री ने कहा कि जहां श्रेष्ठ मृदुता है, वहीं मार्दव धर्म है। अहंकार जीवन को कमजोर बनाता है, अतः इसका त्याग करना चाहिए। इस मौके पर गौरवाध्यक्ष राजीव जैन गाजियाबाद,आलोक तिजारिया, अध्यक्ष कमलेश बावड़ी, मंत्री महेंद्र पचाला सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण शामिल हुए। विनोद जैन कोटखावदा के अनुसार तारों की कूंट स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अध्यक्ष नवीन जैन, मंत्री धनेश सेठी के नेतृत्व में दशलक्षण महापर्व मनाया गया जिसमें प्रातः अभिषेक, शांतिधारा के बाद उत्तम मार्दव की पूजा की गई। सायंकाल महाआरती के बाद णमोकार महामंत्र के जाप तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम कलश चक्र का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं को धर्म के सम्बन्ध में ज्ञान वर्धक जानकारी दी गई। जैन के मुताबिक शांतिनाथ जी की खोह के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में समाजश्रेष्ठी विनोद जैन कोटखावदा, मनीष बैद एवं कमल वैद के नेतृत्व में दशलक्षण पूजा की गई। श्योपुर के श्री चन्द्र प्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में दिव्या बाकलीवाल, अमिता साह के नेतृत्व में पूजा अर्चना की गई। चूलगिरि , जनकपुरी के दिगम्बर जैन मंदिरों में दशलक्षण महापर्व मनाया गया। जैन के मुताबिक गुरुवार 21 सितम्बर को वीतराग धर्म का उत्तम आर्जव लक्षण एवं जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस मनाया जावेगा। प्रातः मंदिरों में अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म एवं भगवान सुपार्श्वनाथ की पूजा की जावेगी। जैन के मुताबिक दशलक्षण महापर्व गुरुवार 28 सितम्बर तक चलेगा। बुधवार से पुष्पांजलि व्रत शुरु हुए जो 24 सितम्बर तक चलेगे। 28 सितम्बर तक दशलक्षण व्रत किये जायेंगे। इस दौरान धर्म के 10 लक्षणों की पूजा आराधना की जावेगी । प्रतिदिन एक धर्म पर विशेष प्रवचन होगा। 22 सितम्बर को निर्दोष सप्तमी तथा 24 सितम्बर को सुगन्ध दशमी मनाई जावेगी ।इस दिन मंदिरों में ज्ञान वर्धक तथा संदेशात्मक झांकियां सजाई जावेगी। 26 से 28 सितम्बर तक कर्म निर्झरा तेला, 27 से 29 सितम्बर तक रत्नत्रय व्रत व तेला किया जाएगा। 28 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी एवं दशलक्षण समापन कलश होगें । 30 सितम्बर को षोडशकारण समापन कलश एवं पड़वा ढोक क्षमा वाणी पर्व मनाया जावेगा। इस दौरान दिगम्बर जैन मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन होगें।
विनोद जैन ‘कोटखावदा’