सोमवार को हर्षोल्लास से मनाया गया रोट तीज त्यौहार
वी के पाटोदी/सीकर। दिगंबर जैन धर्मावलंबियों के दशलक्षण महापर्व मंगलवार से शुरू हो रहे हैं। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी अनंत चतुर्दशी तक 10 दिन दशलक्षण महापर्व चलेंगे। इस दौरान सभी जिन मंदिरों में दसलक्षण धर्म की विशेष पूजा होंगी। समस्त जैन मंदिरों में विशेष साज सजावट की जाएगी। महापर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा होगी। इस महापर्व में दिगंबर जैन धर्मावलंबी दस दिन तक उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिचन्य, उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पूजन आत्म शुद्धि की भावना के साथ करेंगे। यह पर्व समाज को ‘जियो और जीने दो’ का संदेश देता है। भगवान महावीर के मूल सिद्धांत अहिसा परमो धर्म, जियो और जीने दो की राह पर चलना सिखाता है तथा मोक्ष प्राप्ति के द्वार खोलता है।विकृति का विनाश और विशुद्धि का विकास करना ही इस पर्व का ध्येय है। विवेक पाटोदी ने बताया कि सोमवार को रोट तीज का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दसलक्षण महापर्व के दौरान शहर के सभी 11 जैन मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन होंगे। शहर के बड़ा जैन मंदिर व दंग की नसियां में 10 दिनों तक विशेष पूजा अर्चना होगी। जाट बाजार स्थित दीवान जी की नसियां में भी जबलपुर से आई परम विदुषी कंठ कोकिला बाल बह्मचारिणी सरिता दीदी एवं बबिता दीदी के सानिध्य में दस दिनों तक प्रातः पूजा अर्चना होगी व सांयकाल मंगल प्रवचन व ध्यान शिविर आयोजित होगा, तत्पश्चात मंगल आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। बजाज रोड़ स्थित नया जैन मंदिर में भी समस्त दसलक्षण महापर्व में प्रतिदिन समस्त धार्मिक क्रियाएं पं.जयन्त कुमार जी शास्त्री के द्वारा सम्पन्न होगी। प्रातः जिनाभिषेक, वृहद् शान्तिधारा एवं नित्यमह पूजन होंगे। दोपहर 3 से 4बजे तक -तत्वार्थ सूत्र पूजन होगा।