भगवान ही इस विश्व के रूप में प्रकट है: संतश्री हरिशरण
जयपुर। विद्याधर नगर स्थित शेखावाटी विकास परिषद में चल रही श्रीमद् भागवत कथा प्रसंग में सोमवार को संत श्री हरिशरण महाराज जी ने कहा कि जीव के कल्याण के लिए भगवान का सबसे श्रेष्ठ वचन है कि यह मान लो की सब कुछ भगवान ही है। भगवान ही इस विश्व के रूप में प्रकट है। मैं सहित सब कुछ प्रभु ही है ऐसा स्वीकार कर लेना सर्वश्रेष्ठ और शीघ्र कल्याण करने वाला साधन है। भगवान श्री कृष्ण उद्धव से कहते हैं कि मां देवकी की सौगंध खाकर मैं कहता हूं यह सर्वश्रेष्ठ साधन है,इसलिए अपने प्रयास में रहे कि हम मनवाणी कर्म से बुराई रहित होकर रहे। जीवन में ना किसी का बुरा चाहो और ना ही किसी का बुरा करो तो निष्चित ही कल्याण होगा। उन्होंने आगे कहा कि व्यक्ति का जीवन संसार की भागदौड में फंसकर अशांत हो जाता है। उस समय अपनी समस्याओं का समाधान के निदान प्राप्त करने के लिए जगह-जगह दौड़ती है,परंतु शांति की प्राप्ति नहीं हो पाती है। व्यक्ति के जीवन में यदि शांति प्राप्ति कहीं प्राप्त होती है तो वह भागवत कथा, जिसे श्रवण करने मात्र से ही व्यक्ति का जीवन सुखमय व भक्तिमय हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कहा कि व्यक्ति के जीवन में एक नहीं अनेक समस्याएं बनी रहती है। जिसके समाधान के लिए व्यक्ति को कहीं जाने की जरूरत नहीं है। केवल भागवत की शरण में आने से ही सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है। प्रवक्ता रामानंद मोदी ने बताया कि कथा 21 सितम्बर तक रोजाना दोपहर 2.30 बजे से शाम 7 बजे तक होगी।