मंदिरों में होंगे अभिषेक, शान्तिधारा शाम को आरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे
सौरभ जैन/पिड़ावा। जैन धर्म में सबसे उत्तम पर्व और पर्वों का राजा कहे जाने वाले दस लक्षण महापर्व का शुभारंभ मंगलवार से होगा।
आत्म शोधन का पर्व है दस लक्षण
जैन समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया कि दस लक्षण पर्व को आत्मा शोधन का पर्व भी कहा जाता है। इसमें तप कर कर्मों की निर्जरा कर अपनी काया को निर्मल बनाया जा सकता है। दस लक्षण पर्व को आध्यात्मिक दीपावली की संज्ञा भी दी गई है। जिस तरह दीपावली पर व्यापारी अपने संपूर्ण वर्ष का आय -व्यय का पूरा हिसाब करते हैं। गृहस्थ अपने घरों की साफ सफाई करते हैं ठीक उसी प्रकार दस लक्षण पर्व के आने पर जैन धर्म को मानने वाले लोग अपने वर्ष भर के पुण्य पाप का पूरा हिसाब करते हैं। वह अपनी आत्मा पर लगे कर्म रूपी मेल को साफ -सफाई इस दौरान करते हैं ।
आत्म जागरण का देता है सन्देश
दस लक्षण पर्व आत्म जागरण का संदेश देता है। हमारी सोई हुई आत्मा को जगाता है। यह आत्मा के द्वारा आत्मा को पहचानने की शक्ति देता है। इस दौरान व्यक्ति की संपूर्ण शक्तियां जग जाती है। इस पर्व को संपूर्ण जैन समाज बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इसमें सभी श्रावकगण व्रत, उपवास और संयम से रहते हैं। यह पर्व 19 सितंबर से 28 सितंबर तक दिगंबर जैन समाज द्वारा मनाया जाएगा। दस लक्षण धर्म उत्तम क्षमा, उत्तम र्मादव, उत्तम आर्जव, उत्तम सत्य, उत्तम शोच, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिन्चन, उत्तम ब्रम्हचर्य, इन 10 दिनों में धार्मिक कार्यक्रम चलेंगे अंत में दिगंबर जैन समाज का क्षमा याचना पर्व 30 सितंबर को मनाया जाएगा।
विभिन्न कार्यक्रम होंगे आयोजित
पिड़ावा के सभी जिनालय नयापुरा के लाल मंदिर में दीदी के निर्देशन में, श्री आदिनाथ जिनालय एवं पंच बाल यति मंदिर स्वाध्याय भवन में पंडित शुभम शास्त्री भोपाल के नेतृत्व में व श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन जुना मंदिर नवीन जिनालय में आचार्य 108 सुव्रत सागर महाराज व बाल ब्रह्मचारी संजय भैया पठारी के सानिध्य में, श्री सांवलिया पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बड़ा मंदिर में पंडित प्रतिष्ठा चार्य अन्नु शास्त्री जबलपुर के कुशल नेतृत्व में अभिषेक, पूजन, शास्त्र स्वाध्याय वह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। श्री सांवलिया पारसनाथ दिगंबर जैन अतिशेष क्षेत्र बड़ा मंदिर में 6.30 बजे अभिषेक शांतिधारा 7 बजे नित्य नियम पूजन, दस लक्षण धर्म की पूजन, प्रात: 9 बजे शास्त्र स्वाध्याय भैया अन्नु शास्त्री जबलपुर द्वारा, दोपहर 3 बजे तत्त्वार्थ सुत्र की कक्षा, शाम 7 बजे प्रतिक्रमण, आरती रात्रि में 8 बजे शास्त्र प्रवचन, रात 9 बजे ब्रह्मानंद सागर पाठशाला के अध्यापक निक्कू जैन, रानी जैन, सोनू राजस्थानी द्वारा 10 दिन तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा सभी कार्यक्रम अन्नू भैया जबलपुर के निर्देशन में होंगे ।