मंदिर जी के शिखर पर स्वर्ण कलश एवम ध्वज दंड पुनस्थापन समारोह सम्पन्न
जयपुर। संपूर्ण संसार के साधु – साध्वियो के स्वास्थ्य लाभ, समाज में घर घर में फैले वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया से बचाव, लंपी वायरस से गौ माता के बचाव एवम संपूर्ण विश्व कल्याण की भावना को ध्यान में रखते हुए परम पूज्य अभिक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य गुरुवर श्री वसुनंदी जी महामुनिराज की परम प्रभावक शिष्या परम पूज्य आर्यिका श्री सौम्यनंदिनी माताजी ससंघ के पावन सानिध्य में महा जाप्यानुष्ठान कार्यक्रम का आयोजन नवरात्रा में सोमवार दिनांक 26 सितम्बर 2022 से बुधवार दिनांक 05 अक्टूबर 2022 तक सफलतापूर्वक किया गया। जिसमे आर्यिका संघ द्वारा 1,25,00,000 (एक करोड़ पच्चीस लाख) जाप का लक्ष्य रखा गया था परंतु समाज बंधुओ ने लक्ष्य से अधिक जाप (लगभग दो करोड़ जाप) कर इस अनुष्ठान को ऐतिहासिक बना दिया। परम पूज्य आर्यिका माताजी के आव्हान पर समाज बंधुओ ने मंदिर जी के शिखर में स्वर्ण कलश एवम स्वर्ण ध्वज दंड हेतु अपने स्वर्ण आभूषण एवम स्वर्ण दिया था उसको मूर्तरूप में परिणित कर शिखर पर स्वर्ण कलश एवम स्वर्ण ध्वजदंड पुनर्स्थापन का कार्य भी सआनंद संपन्न हुआ।मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष राजीव पाटनी व महामंत्री पवन जैन पांड्या ने बताया कि कार्यक्रम का संचालन और निर्देशन प्रतिष्ठाचार्य श्री विमल कुमार जी जैन शास्त्री द्वारा किया गया। मुख्य स्वर्ण मंगल कलश की स्थापना गुलाब चंद, अशोक कुमार, संजय कुमार बज (सलेदीपुरा वाले) परिवार द्वारा एवं मुख्य स्वर्ण ध्वज दंड की स्थापना श्रीमती कमला देवी , सुरेश कुमार – बीना , निर्मल कुमार , पवन कुमार पांड्या, (सरदारपुरा वाले) परिवार ने की।
शेष अन्य 22 स्वर्ण कलशो की स्थापना समाजबंधुओं द्वारा पुण्यार्जन कर की गई। मुख्य समन्वयक: राजेश सेठी चातुर्मास व्यवस्था समिति ने बताया कि कार्यक्रम में पूज्य आर्यिका संघ के मुखारबिंद से जाप्यानुष्ठान का निष्ठापन रिद्धि मंत्रो एवम बीजाक्षरो द्वारा हवन के माध्यम से पूर्णाहुति दे कर किया गया। साथ ही आर्यिका श्री सोम्यानंदिनी माताजी एवम आर्यिका सुयोग्यनंदिनी माताजी के मंगलमय प्रवचन के माध्यम से ज्ञानार्जन का सौभाग्य सभी समाज बंधुओ को प्राप्त हुआ। इस संपूर्ण कार्यक्रम में झोटवाड़ा जैन समाज के सदस्यो का उत्साह एवम उमंग अविस्मरणीय रहा।