इंजिनियर अरुण कुमार जैन, फ़रीदाबाद
घर, सड़कें व ऊँचे बांध, उद्योग, रेलवे वायुयान.
सभी बनाते मिलकर आन,
इंजिनियर इनकी पहिचान.
उबड़, खाबड़ भूमिपर ये,
सुन्दर नगर बनाते,
बिजली,पानी,कार व ए. सी.
की सुविधा दिलवाते.
पैदल चलने वाले भी अब,
अंतरिक्ष में जाते,
इनके श्रेष्ठ प्रयासों से,
जीवन के हर सुख पाते.
दूर संचार, टी. वी. मोबाइल,
इनके प्रयास से पाया,
देखोअपनों को,बातभी करलो,
यह संभव कर पाया.
करते सतत परिश्रम पल पल,
सह गर्मी, सर्दी, तम को,
कष्ट, असुविधा सह देते हैं,
वांछित सुख जन जन को.
भारत रत्न श्री विश्वेशरैया,
जन्मदिवस हम मनाते,
स्वर्णाक्षर में श्रेष्ठ सृजन से,
नाम लिखा, गुण गाते.
स्वागत, अभिनन्दन, आभार,
सभी अभियंता जन का,
जिनके श्रम से पाया हमने,
हर सुख इस जीवन का.
श्रम, निष्ठा, कर्तव्य, समर्पण
संग नित बढ़ते जाएं,
प्राणी मात्र के जीवन को, हम सुन्दर,सफल बनायें.
यही कामना और प्रार्थना,
प्रभु से बारम्बार,
हर असंभव, संभव कर देंगे,
हर मन में ला प्यार.