बार-बार सुने भगवान के अवतारों की कथा: संतश्री हरिशरण
जयपुर। विद्याधर नगर स्थित शेखावाटी विकास परिषद में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में संत श्री हरिशरण जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में भगवान के अवतारों की कथा बार-बार सुननी चाहिए। इससे हृदय का विकार दूर हो जाता है। अपने अवतार के माध्यम से श्रीहरि ने मानव जीवन को समझाने का प्रयास किया है। घर में श्रीमद्भगवत की पूजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस घर में सुमति अर्थात पूरा परिवार मिलकर रहता है, उस घर में लक्ष्मी का वास होता है। सुमति संत के संगति व भक्ति भावना एवं निष्ठापूर्वक कर्म करने से आता है। जिस प्रकार एक बार भोजन कर लेने से, एक बार सांस ले लेने से काम नहीं चल सकता है, उसी प्रकार एक बार कथा सुनने से काम कैसे चल सकता है? उन्होंने कहा कि कथा एक संस्कार है, यह ईश्वर की कृपा है, जिसे बार-बार सुनने के बाद जीवन में ईश्वर की कृपा बरसने लगती है। शांति की प्राप्ति होती है। कर्म के बारे में बताते हुए कहा कि इसका फल अकाट्य होता है,जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल मिलेगा। अपनी आत्मा की पूर्ति और जीभ के स्वाद के लिए दूसरे जीवों को मारकर खा जाना घोर अपराध है। हर जीव को अपनी जिंदगी जीने का पूर्ण अधिकार है। प्रवक्ता रामानंद मोदी ने बताया कि कथा सितम्बर तक रोजाना दोपहर 2.30 बजे से शाम 7बजे तक होगी।