णमोकार महामंत्र में सम्पूर्ण ब्रम्हांड के देवों का समावेश समाया हुआ है: महासती धर्मप्रभा
सुनिल चपलोत/चैन्नई। सब मंत्रों का मंत्र है णमोकार महामंत्र। सोमवार साहूकार पेठ जैन भवन में महासती धर्मप्रभा ने महामंत्र नवकार की महिमा का बखान करतें हुए श्रावक श्राविकाओं को बताया कि सम्पूर्ण संसार में एक ऐसा इकलौता मंत्र है जिसमें किसी भगवान का नाम नहीं पर दुनिया में ऐसी कोई ईश्वरीय शक्ति भी शेष नहीं जो इसमें न आई हो।णमोकार मंत्र में सम्पूर्ण ब्रम्हांड के देवों का समावेश समाया हुआ है।हर धर्म के-हर व्यक्ति का मंत्र है। इस धरती पर आज तक किसी में भी यह हिम्मत नहीं कि वह महामंत्र में भेद कर सके,क्योंकि यह अभेद्य और अचूक मंत्र है।इस सम्पूर्ण मंत्र मे कही पर भी बीजाक्षर नहीं आते है। यह दुनिया वह महामंत्र है जिसमें कोई भी कामना नहीं केवल सद्भावना छिपी हुई है।नवकार सर्वश्रेष्ठ और साध्विक तथा अष्ट सिध्दी का दाता है,णमोकार मंत्र। जो मनुष्य श्रध्दां और भक्ति के साथ महामंत्र का जाप करता है रिध्दी सिध्दी के साथ उसके जीवन की समस्याएं संकट एवं बांधाऐ दूर हो जाती है और आत्मा शुध्द और पवित्र बना देता है। महा मंत्र कभी किसी का अहित नहीं करता हैं बल्कि जीवन में प्रगति के मार्ग ओर लेकर जाता है। साहूकार पेठ श्री संघ के कार्याध्य महावीर चन्द सिसोदिया ने बताया इसदौरान धर्मसभा अनेक क्षैत्रो पधारे स्वाध्यायी भाईयो का श्री एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी,सुरेश डूगरवाल,बादल चन्द कोठारी, सुभाष कांकलिया शम्भूसिंह कावडिय़ा,शांतिलाल दरड़ा,भरत नाहर, संजय खाबिया आदि पदाधिकारियों ने स्वागत किया। तथा मंगलवार से प्रांरभ होने वाले अष्ट दिवसीय पर्वाधिराज पयूर्षण महापर्व मे सभी श्रध्दांलूओ से अधिक से अधिक संख्या मे जीनवाणी श्रवण एवं धार्मिक कार्यक्रमो मे भाग लेने का आह्वान करतें हुए पयूर्षण पर्व मे रात्रि भोजन जिमीकंद तथा धर्म साधना के साथ पयूर्षण मनाने का संकल्प लिए। पयूर्षण में चौविहार करने वाले सभी श्रध्दांलूओ की व्यवस्था साहूकार पेट में रखी गई है।