श्री शांतिनाथ दिग. जिन मंदिर नेमिनाथ जैन कॉलोनी सें 3 में डॉ. महावीर प्रसाद जैन शास्त्री टोकर द्वारा लिखित भक्तामर प्रश्नोत्तर के आठवें संस्करण का विमोचन विशेष स्वाध्याय प्रेमी ‘ समाज सेवी श्याम एस. सिंघवी C.A. द्वारा किया गया है। कार्यक्रम के मुख्यातिधि डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री , अध्यक्ष शांतिलाल अखावत थे। इस कृति का प्रकाशन आचार्य समन्तभद्र सत् साहित्य द्वारा किया गया है। इस अवसर पर पं. गजेन्द्र शास्त्री , सुरेश अखावत ,पं. हितंकर शास्त्री , रोशनलाल फांदोत , राजमल टिम्बरवा , अमृतलाल कुणावत ,प्रो विवेक जैन , पारस कचरावत आदि अनेक साधर्मी भाई बहन उपस्थित थे। लेखक डॉ. जैन ने बताया कि भक्तामर जैन समाज सर्वोत्कृष्ट स्तोत्र है। जिसकी रचना दसवी शताब्दी में राजा भोज के काल में हुए मांगतुंगाचार्य ने की थी। इसमें 48 काव्य वंसत तिलका छंद में बने है। इस पर जैन ने काव्य का अर्थ , सरलार्थ ,सारांश , प्रश्नोतर बनाये गये है। अभी तक इसके आठ संस्करण प्रकाशित हो चुके है। यह कृति स्वाध्याय हेतु निःशुल्क दी जा रही है। जिन्हें चाहिये हो वें 8003034801 पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते है।